अंतर्राज्यीय चार शूटर गिरफ्तार, कोयला कारोबारी की हत्या की ली थी सुपारी
रायपुर, 26 मई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ पुलिस ने चार शूटरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने राजस्थान से एक और रायपुर से तीन शूटरों को गिरफ्तार किया है। यह सभी शूटर छत्तीसगढ़ के किसी कारोबारी की हत्या के मंसूबे से रायपुर पहुंचे थे। पुलिस ने इन शूटरों के कब्जे से एक पिस्टल, एक खाली मैग्जीन और चार मोबाइल फोन जब्त किया है।
शूटरों ने खुलासा किया है कि छत्तीसगढ़ कोयला कारोबारी की हत्या की यह सुपारी पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को दी गई थी। हालांकि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने इन कारोबारियों के नाम नहीं बताए हैं, लेकिन वे झारखंड में बड़ा कारोबार करते हैं और वहीं पर उनसे रंगदारी टैक्स मांगा जा रहा था। मांग के मुताबिक रंगदारी टैक्स न देने पर उनके कत्ल का ठेका दिया गया था।
रायपुर के आईजी अमरेश मिश्रा व एसएसपी संतोष सिंह ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि छग पुलिस और एसआईबी की टीम ने राजस्थान से एक व रायपुर से तीन शूटरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने भाड़े के इन शूटरों को पेश किया और पूरी साजिश की जानकारी दी है। इनमें एक गिरफ्तार झारखंड का है और बाकी तीन राजस्थान के रहने वाले हैं, जिन्हें एक-एक को कई-कई लाख रुपये इन हत्याओं के लिए दिए जा रहे थे। शूटरों की उम्र 20 से 31 साल के बीच के हैं और सभी का पुराने जुर्म का रिकॉर्ड भी है।
गिरफ्तार आरोपितों में देवेन्द्र, मुकेश कुमार और पप्पू सिंह शामिल हैं। पप्पू सिंह, भूपेन्द्र सिंह गैंग का सदस्य है। इनमें से एक इंदौर से मोटरसाइकिल लेकर शूटर के साथ पहुंचा था। यह लोग पिछले 4-5 दिनों से रैकी कर रहे थे। ताकि सोमवार को वारदात कर सके। इस रैकी का उन्होंने वीडियो भी बनाया था। जिसे पुलिस ने जब्त किया है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह देश की कई बड़ी चर्चित हत्याओं के पीछे शामिल हैं। उसके गिरोह के मलेशिया में बैठे मयंक सिंह नाम के गैंगस्टर ने राजस्थान और झारखंड से इन हत्यारों का इंतजाम किया था जो कि पिस्तौल लेकर छत्तीसगढ़ पहुंचे थे और जिन्हें यहां के दो कारोबारियों को 20-20 गोलियां मारने के लिए भेजा गया था।
एसएसपी के अनुसार रैंसम के लिए यह लोग जेल में रहकर ही शूटर नियुक्त करते थे। इसके लिए वे सोशल मीडिया के इनक्रिप्टेट साइड्स का इस्तेमाल करते थे। ऐसे ही एक मैसेज ट्रैप होने पर रायपुर पुलिस के साइबर सेल ने इनकी गिरफ्तारी के लिए राजस्थान, झारखंड, दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर यह ऑपरेशन चलाया था। यह लोग अपने ऑपरेशन आर्मी, बीएसएफ जैसे अन्य नामों से अंजाम देते और पकड़े जाने पर राम-राम या जय श्रीराम, जय माता दी कहकर एक-दूसरे को इत्तला करते थे। पुलिस ने इनके पास से एक पिस्टल, एक मोटरसाइकिल, गोलियों से भरी मैग्जीन, चार मोबाइल जब्त किया है। पुलिस ने आगे की पूछताछ और गिरफ्तारियां करने रविवार दोपहर इन्हें रिमांड पर लिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के अमन साहू गैंग का यह काम है और उसने इस मामले को अधिक पेशेवर तरीके से करने के लिए लॉरेंस बिश्नोई जैसे बड़े गिरोह को इसकी सुपारी दी थी। कुछ बरस पहले भी इस गिरोह का एक शूटर झारखंड से छत्तीसगढ़ आकर हवाई फायर करके दहशत पैदा कर रहा था ताकि जिनसे झारखंड में वसूली करनी है, वे इस गिरोह को गंभीरता से लें। अभी जब पुलिस को खुफिया जानकारी मिली और इन भाड़े के शूटरों का पीछा किया गया, नजर रखी गई, और गिरफ्तार किया गया।
शूटर झारखंड से निकलकर, मध्यप्रदेश के इंदौर से पिस्तौल खरीदकर, उज्जैन में महाकाल के दर्शन करके रायपुर पहुंचा था। इसमें मोटरसाइकिल और भागने के इंतजाम के लिए राजस्थान से लोगों को भेजा गया था। इन तमाम लोगों को टेलीफोन पर बात न करने और इंटरनेट कॉलिंग से ही एक-दूसरे से संपर्क रखने के अलावा राम-राम और जय माता दी जैसे कोड का इस्तेमाल करने को कहा गया था। लेकिन पुलिस अपनी खुफिया जानकारी के आधार पर लगातार इनके फोन और लोकेशन पर नजर रख रही थी और रायपुर में यह हत्या कर पाएं, उसके पहले ही सभी लोग दबोच लिए गए।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल/गायत्री
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