कोरबा : भूविस्थापितों ने पहली बार एक साथ बन्द कराए सारे खदान, करोड़ों नुकसान की संभावना

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कोरबा : भूविस्थापितों ने पहली बार एक साथ बन्द कराए सारे खदान, करोड़ों नुकसान की संभावना


कोरबा : भूविस्थापितों ने पहली बार एक साथ बन्द कराए सारे खदान, करोड़ों नुकसान की संभावना


कोरबा : भूविस्थापितों ने पहली बार एक साथ बन्द कराए सारे खदान, करोड़ों नुकसान की संभावना


कोरबा : भूविस्थापितों ने पहली बार एक साथ बन्द कराए सारे खदान, करोड़ों नुकसान की संभावना


कोरबा, 16 अप्रैल (हि. स.)। एसईसीएल बंद के आह्वान पर देश के सबसे बड़े कोयला खदानों में कोयला उत्पादन, मिट्टी उत्खनन और परिवहन कार्य में लगी गाड़ियों को रोककर बुधवार काे बंद करा दिया गया है। एसईसीएल के विरुद्ध आंदोलनों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भूविस्थापितों के द्वारा पहली बार सारे खदानों में एक साथ खदान बंद करने का आंदोलन किया गया, जिससे करोड़ों का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।

एसईसीएल कुसमुंडा के सभी आउटसोर्सिंग कम्पनी के कर्मचारी, ठेका कामगारों ने आंदोलन के समर्थन में अपनी ड्यूटी का बहिष्कार कर गाड़ियों को खड़ा कर दिए हैं। कुसमुंडा क्षेत्र में सुबह 6 बजे से तो दीपका गेवरा क्षेत्र की खदानों में 8 बजे से आंदोलन शुरू हो गया है। कुसमुंडा क्षेत्र में पाली, पडनिया, रिसदी, जटराज, खोडरी, गेवरा बस्ती सहित सात से ज्यादा गांव के लोग इकट्ठा होकर एसईसीएल महाप्रबंधक का पुतला फुकेंगे रैली निकाली जाएगी। भिलाई बाजार के मुहाने पर बंद कराया गया है। गेवरा खदान के नराई बोध रलिया आमगांव फेस को बंद करा दिया गया है। कोरबा क्षेत्र के सराईपाली परियोजना में सुबह से ही उत्पादन और परिवहन कार्य को रोककर धरना दिया जा रहा है।

दीपका क्षेत्र में आमगांव दर्रा खांचा मलगांव और सुवाभोंडी फेस को खदान को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

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