गिरते भू-जल स्तर में भी दे रहा राहत, मछली पालन से ग्रामीण हुए आत्मनिर्भर
धमतरी, 19 जुलाई (हि.स.)।धमतरी कुरुद विकासखंड के ग्राम पंचायत परसट्टी में पारंपरिक जलागम, गांव की मिट्टी का मिजाज, स्थानीय जलवायु के अनुरूप बांधा तालाब नवीनीकरण सह रिटर्निंग वाल का निर्माण किया गया है। भू-जल स्तर में वृद्धि के साथ किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु पानी मिल ही जाता है। स्थानीय मछुआरा समूह को मछली पालन एवं सिंघाड़ा की खेती के लिए लीज पर दिया गया, ताकि समूह आजीविका के प्रति आत्मनिर्भर बन सके। ग्राम पंचायत परसट्टी में बांधा तालाब का निर्माण वर्ष 2024-25 में किया गया। इसके लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत राशि 9 लाख 73 हजार रूपये की स्वीकृति दी गई।20 एकड़ क्षेत्र में फैले बांधा तालाब को चारों ओर से पिंचिंग कर सुदृढ़ और मजबूत बना दिया। गया। परसट्टी का बांधा तालाब काजल संरक्षण की दिशा में कारगर साबित हो रहा है।
घटते जलस्तर के बावजूद भीषण गर्मी में ग्रामीणों को निस्तारी की सुविधा मिली है। बांधा तालाब गांव की धरोहर है। आज पंचायत में इस धरोहर को सहेजने की जरूरत है। इस संबंध में सरपंच कुबेर सिंह ध्रुव ने बताया कि ग्रामीणजनों की निस्तारी सुविधा, जमीन की नमी को सहेजने सहित पर्यावरणीय संरक्षण के लिए बांधा तालाब का निर्माण सकारात्मक सोच का प्रतिफल है। निकट भविष्य में मछली पालन, मखाना, कमल जैसे उत्पादों के उगाने की संभावना आर्थिक दृष्टि से बढ़ जाती है। धरती के बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने में बांधा तालाब का जल अमृत का काम कर रहा है।
रोजगार सहायक यादेश्वर साहू ने बताया कि बांधा तालाब वर्तमान समय की आवश्यकता से अवगत कराता है। हमें जल की एक- एक बूंद को बचाना होगा। ग्रामीणों द्वारा ग्रामीण विकास समिति के चन्द्रशेखर साहू, लालाराम साहू, रोहित तारक, भूषण तारक, कन्हैया तारक, देवेन्द्र साहू, वामन साहू को मछली पालन के लिए लीज पर दिया गया है। बांधा तालाब में प्रथम बार 1000 किलो मछली का उत्पादन हुआ है। अध्यक्ष चन्द्रशेखर साहू ने बताया कि मछली उत्पादन से आजीविका संवर्धन में वृद्धि हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / केशव केदारनाथ शर्मा
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।