कोरबा: पूर्व सैनिक ने टोल प्लाजा में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, अनिश्चितकालीन अनशन शुरू
कोरबा, 12 दिसंबर (हि. स.)। जिले में संचालित एक टोल प्लाजा से जुड़े कथित भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों को लेकर अनशन पर बैठे एक पूर्व सैनिक ने आज शुक्रवार को पत्रकारवार्ता आयोजित कर पूरे मामले को सार्वजनिक किया। पूर्व सैनिक ने ठेकेदार पर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की और कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे।
पूर्व सैनिक के अनुसार, संबंधित टोल प्लाजा के संचालन के लिए ठेकेदार द्वारा उनके साथ साझेदारी (पार्टनरशिप) का प्रस्ताव दिया गया था। इस साझेदारी को आधार बनाकर उनसे करोड़ों रुपये की राशि ली गई, परन्तु समय बीतने के बाद भी न तो वादा निभाया गया और न ही ली गई राशि वापस की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा उन्हें लगातार टालमटोल कर धोखा दिया गया, जिसके कारण उन्हें मजबूरन जनसामान्य के बीच आकर अपनी बात रखना पड़ रहा है।
पूर्व सैनिक ने कहा कि उन्होंने पूरे मामले की शिकायत संबंधित विभागों और एनएचएआई के अधिकारियों से भी की, लेकिन अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। उनका आरोप है कि एनएचएआई के कुछ अधिकारी ठेकेदार के विरुद्ध उचित कदम नहीं उठा रहे, जिससे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी समय रहते हस्तक्षेप करते, तो मामले की गंभीरता को देखते हुए ठेकेदार के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई शुरू हो सकती थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह भी दावा किया कि टोल प्लाजा में अवैध वसूली की शिकायतें लंबे समय से सामने आती रही हैं, लेकिन इस पर भी ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
उधर, मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एनएचएआई के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ठेकेदार और पूर्व सैनिक के बीच हुई साझेदारी पूरी तरह निजी मामला है, जिसमें विभाग की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि यह दो पक्षों के बीच हुआ आर्थिक समझौता है, इसलिए एनएचएआई इस पर कार्रवाई करने के दायरे में नहीं आता।
हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा कि यदि टोल प्लाजा के संचालन, अवैध वसूली या नियमों के उल्लंघन से जुड़े कोई प्रमाण या ठोस शिकायतें प्राप्त होती हैं, तो उस पर नियमानुसार जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व सैनिक ने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और आरोपितों पर कार्रवाई शुरू नहीं होती, वे आमरण अनशन जारी रखेंगे। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई और कहा कि उनकी लड़ाई व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ है, जिसमें किसी भी प्रकार का समझौता संभव नहीं है।
पूर्व सैनिक के अनशन और लगाए गए आरोपों को लेकर क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई है और अब जिले की प्रशासनिक तथा पुलिस व्यवस्था पर भी निगाहें टिकी हैं कि वे मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी
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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

