विश्व हाथी दिवस : हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका : भूपेन्द्र यादव

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विश्व हाथी दिवस : हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका : भूपेन्द्र यादव


विश्व हाथी दिवस : हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका : भूपेन्द्र यादव


-छत्तीसगढ़ का हाथियों से बहुत पुराना नाता, हाथी-मानव द्वंद रोकना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री साय

रायपुर 12 अगस्त (हि.स.)। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने साेमवार काे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विश्व हाथी दिवस पर स्थानीय होटल में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज ही नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रणाली का, वन विभाग द्वारा दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक ऑडिटोरियम ‘दण्डकारण्य‘ का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप और सांसद बृजमोहन अग्रवाल, वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए हाथियों के संरक्षण के लिए भारत की भागीदारी से किए गए प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका रही है। केन्द्रीय मंत्री श्री यादव ने हाथियों के संरक्षण एवं मानव कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अंतर-क्षेत्रीय जुड़ाव (क्रॉस सेक्टोरल एंगेजमेंट) की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंनेे कहा कि यदि हम हाथियों को बचाएंगे तो वन भी समृद्ध होंगे, क्योंकि हाथियों को ‘पारिस्थितिकी तंत्र के इंजीनियर‘ के रूप में जाना जाता है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने देश में मानव-हाथी द्वंद को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

भारत में जंगली हाथियों की सबसे बड़ी और सुरक्षित संख्या : भूपेन्द्र यादव

केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत में जंगली हाथियों की सबसे बड़ी और सुरक्षित संख्या है। हाथियों की पिछली गणना अखिल भारतीय समन्वित हाथी गणना अनुमान 2017 के अनुसार, भारत में 29 हजार 964 हाथी हैं। भारत में हाथी गलियारों से संबंधित 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 14 राज्यों में 33 हाथी रिजर्व (ईआर) और 150 हाथी गलियारे हैं। भारत में हाथियों को विभिन्न खतरों से कानूनी रूप से बचाने के लिए सर्वाेत्तम कानून बनाए गए हैं। हमारे देश में हाथियों के संरक्षण के लिए एक सुदृढ़ संस्थागत ढांचा भी मौजूद है।

देश में हाथियों के संरक्षण के प्रति अनुकूल जनमत है, जिसे मजबूत नेतृत्व का भी समर्थन प्राप्त है। इस प्रकार, यह विश्व हाथियों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए तथा मानव कल्याण और वन्यजीव संरक्षण के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कला और विज्ञान सीखने के लिए भारत की ओर उन्मुख है।

केन्द्रीय मंत्री श्री यादव ने कहा कि हर वर्ष 12 अगस्त विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस उत्सव का उद्देश्य हाथियों के कल्याण के लिए विश्व को एक साथ लाना है, जो अपने पूरे क्षेत्र में लुप्तप्राय हैं। एक वैश्विक अग्रणी के रूप में भारत भी ‘विश्व हाथी दिवस‘ मनाता है। इस वर्ष पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार, रायपुर में ‘विश्व हाथी दिवस‘ समारोह की संयुक्त मेजबानी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ जैविक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है और यहां हाथियों की भी अच्छी खासी संख्या है। मानव और हाथियों के बीच के द्वंद को कम करने के नजरिए से छत्तीसगढ़ को उच्च प्राथमिकता दी गई है।

छत्तीसगढ़ में हाथी-मानव द्वंद रोकने चलाया जा रहा है जनजागरूकता अभियान - मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा है कि छत्तीसगढ़ का हाथियों से बहुत पुराना नाता है। हमारे लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता हाथी-मानव द्वंद को रोकना है। इसके लिए राज्य सरकार लगातार जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर रही है। अनेक नवाचार किए जा रहे हैं। हाथियों के विचरण की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए सरगुजा से हमर हाथी हमर गोठ रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है, ग्रामीणों को अपनी ओर हाथियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए राज्य सरकार गज यात्रा अभियान चला रही है। ‘गज संकेत एवं सजग’ ऐप के माध्यम से हाथी के विचरण की जानकारी ग्रामीणों को मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथी-मानव द्वंद को रोकने के लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का प्रबंधन किया जा रहा है। हाथियों द्वारा फसल क्षति के लिए किसानों को दिया जा रहा मुआवजें की राशि कम है, इसे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। हाथी-मानव द्वंद को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ को सफलता मिली है।

हाथियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वातावरण उपयुक्त : केदार कश्यप

प्रदेश के वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि राज्य में हाथी के संवर्धन के लिए यहां के वन अनुकूल है। राज्य में 44 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है, जिसमें हाथियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वातावरण उपयुक्त है। यहां के अनुकूल वातावरण के कारण हाथियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। राज्य में वनों के संवर्धन के लिए एक पेड़ मां के नाम के लिए सक्रियता से जुटे हुए हैं और विभाग द्वारा 3 करोड़ 80 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत लाभान्वित महिलाओं को भी इस अभियान से जोड़ा गया है। प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य के लोगों को वन विभाग के माध्यम से जोड़कर पौधरोपण का कार्य मुस्तैदी से किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल / प्रभात मिश्रा

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