संविधान में सभी को समानता का अधिकार दिया डाॅं. अंबेडकर
रायपुर, 6 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूदीन कुरैशी ने भारत रत्न डाॅ. भीमराव अंबेडकर की 67वीं पुण्यतिथि के अवसर पर अपने 32 बंगला नं0-6 में तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
कुरैशी ने कहा कि डाॅ बी.आर. अंबेडकर ने 1955 में भारतीय बौद्ध महासभा की स्थापना किया और 14 अक्टूबर सन् 1956 में लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू ने उनके पत्रों की लेखनी एवं योग्यता को देखकर सन् 1947 में संविधान सभा का सदस्य चुने गए और भारतीय संविधान का प्रारूप डाॅ बी. आर अंबेडकर की अध्यक्षता में तैयार हुई
इसी कारण उन्हें ”आधुनिक भारत के मनु कि संज्ञा ”दी गई है संविधान में उन्होंने अछुतों को समान्ता का अधिकार दिलाया भारत की एकता और अखण्डता के लिए इन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों को संविधान में सम्मिलित किया उन्हीं के प्रयासों से सभी को कानून के समक्ष समानता का अधिकार मिला देश को छुआछुत के अभिषाप से छुटकारा मिला 14 अप्रैल 1990 को मरणोपरांत डाॅ बी.आर. अंबेडकर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी श्रीमति लक्ष्मीसविता ने प्राप्त किया।
कार्यक्रम में समयलाल साहू, जोगा राव, आर.एस शर्मा, सतपाल सिंह, अकिल, जमील, फारूख, बलदेव सिंह, नजमूनिश अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल
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