तप साधना करने से जीवन में दिव्यता आती है : आनंद कृष्ण ठाकुर
धमतरी, 13 सितंबर (हि.स.)। रायपुर रोड स्थित श्री श्याम मंदिर परिसर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। वृंदावन धाम से पहुंचे भागवताचार्य आनंद कृष्ण ठाकुर ने श्रोताओं को भागवत कथा की महिमा बताते हुए कहा कि भागवत कथा श्रवण में बड़े -बड़े महापापी भी मुक्त हो जाते हैं बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। शरीर में जब तक प्राण है तब तक कथा सुननी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मा की उत्तम सृष्टि मनुष्य है। तप साधना करने से जीवन में दिव्यता आती है। दुर्लभ मानव तन के द्वारा हरि की भक्ति करनी चाहिए। केवल और केवल हरि ही हमारा है। भागवत में परम धर्म का निरूपण व्यास जी ने किया है। परम धर्म कहता है कि संसार से आसक्ति हटाकर गोंविद के ध्यान करें। गोविंद के श्रीचरणों का आश्रय लेना चाहिए। चरण, शरण ग्रहण करना ही परम धर्म है। तप साधना करने से जीवन में दिव्यता आती है। दुर्लभ मानव तन के द्वारा हरि की भक्ति करनी चाहिए। केवल और केवल हरि ही हमारा है। प्रतिदिन हमें समय निकालकर प्रभु का भजन करना चाहिए। भागवत में परम धर्म का निरूपण व्यास जी ने किया है। परम धर्म कहता है कि संसार से आसक्ति हटाकर गोंविद के ध्यान करें। भागवत कथा श्रवण में बड़े-बड़े महापापी भी मुक्त हो जाते हैं, बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। शरीर में जब तक प्राण है तब तक कथा सुननी चाहिए। ब्रह्मा की उत्तम सृष्टि मनुष्य है। गोविंद के श्रीचरणों का आश्रय लेना चाहिए। चरण, शरण ग्रहण करना ही परम धर्म है। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कथा प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक जारी है। कथा का आज 14 सितंबर को हवन यज्ञ एवं पूर्णाहुति के साथ समापन होगा
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा
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