धमतरी : जिले में तीन लाख 12 हजार 356 बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि नाशक दवा

धमतरी : जिले में तीन लाख 12 हजार 356 बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि नाशक दवा
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धमतरी : जिले में तीन लाख 12 हजार 356 बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि नाशक दवा


धमतरी, 23 जनवरी (हि.स.)। 10 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस कार्यकम को सफलतापूर्वक मनाने के लिए 23 जनवरी को जिला समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस को व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने विस्तार से चर्चा की गई।

कलेक्टर नम्रता गांधी की अध्यक्षता में समय सीमा की बैठक-जिला समन्वय समिति की बैठक कलेक्टोरेट में आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस10 फरवरी 2024 एवं माप-अप राउंड 15 फरवरी 2024 को किया जाना है। इससे संबंधित जानकारी कलेक्टर के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा प्रिया कंवर द्वारा जिला स्तरीय समस्त विभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस मनाए जाने की विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा कर जानकारी साझा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा एसके मंडल ने बताया कि राज्य कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन 10 फरवरी 2024 को समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं शासकीय विद्यालयों/अनुदान प्राप्त शालाओं/केन्द्रीय विद्यालयों नवोदय विद्यालयों, मदरसों, निजी स्कूलों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों से एक साल से 19 साल के आयु वर्ग के सभी बच्चों, किशोर - किशोरियों के स्वास्थ्य एवं पोषण का स्तर, एनीमिया की रोकथाम बौद्धिक विकास तथा शाला में उपस्थिति में सुधार हो सके। इसके लिए यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। छूटे हुए बच्चों के लिए माप-अप दिवस 15 फरवरी 2024 को होगा। इसके तहत् जिला धमतरी के ग्राम एवं शहरी क्षेत्रों के बच्चों को कृमिनाशक की दवाई मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य अमला आंगन बाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से खिलाई जाएगी।

जिले में लक्षित बच्चों की संख्या है तीन लाख 12 हजार 356

जिला टीकाकरण अधिकारी डा जेपी दीवान ने बताया कि जिले में एक से 19 साल के लक्षित बच्चों की संख्या लगभग तीन लाख 12 हजार 356 है। एलबेन्डाजाल 400 मि.ग्रा. की दवाई एक साल से दो साल तक बच्चों को आधी गोली चम्मच में घोलकर एवं दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली घोलकर- चबाकर उसे 19 साल आयु वर्ग के बच्चों को एक गोली पूरी चबा-चबा कर खाने को दी जायेगी, क्योंकि यह दवाई कड़वी नहीं होती।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा

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