विविध संस्कृति, परंपरा के बावजूद हम एक हैं और एक रहेंगे : हरिचंदन

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विविध संस्कृति, परंपरा के बावजूद हम एक हैं और एक रहेंगे : हरिचंदन


विविध संस्कृति, परंपरा के बावजूद हम एक हैं और एक रहेंगे : हरिचंदन


हरिचंदन से राजभवन में आईआईटी गोवा के युवाओं ने किया संवाद

रायपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से रविवार को राजभवन में आईआईटी गोवा से आये विद्यार्थियों ने संवाद किया। यह विद्यार्थी भारत सरकार के ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ अभियान के ‘‘युवा संगम‘‘ कार्यक्रम के तहत पांच दिनों के छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर यह अनूठा कार्यक्रम पूरे भारत में लागू किया गया है। जिसमें सभी प्रदेशों के युवा अन्य प्रदेशों में जाकर वहां की संस्कृति को समझते हैं, खान-पान का जायका लेते है और पर्यटन स्थलों का भ्रमण करते हैं। इस कड़ी में गोवा के विभिन्न महाविद्यालयों में अध्ययनरत युवा छात्र-छात्राओं को छत्तीसगढ़ का भ्रमण कराया जा रहा है। भ्रमण के दूसरे दिन आज यह विद्यार्थी राजभवन पहुंचे थे।

राज्यपाल हरिचंदन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की ताकत उसकी अनेकता में एकता की भावना है। विविधता में एकता हमारे देश की दुनिया में एक मिसाल है। विविध संस्कृति, परंपरा के बावजूद हम एक हैं और एक रहेंगे। इसी विचार धारा को लेकर भारत विश्व गुरू बनने की दिशा में अग्रसर है।

राज्यपाल ने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के कार्यक्रम के दूरदर्शी ढांचे के तहत युवा संगम कार्यक्रम हमारे राष्ट्र के विविध पहलुओं को गहराई से समझने और उस पर गर्व करने का एक अवसर है। छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान विद्यार्थियों को यहां की समृद्धि संस्कृति, प्रगति और यहां की विरासत के विभिन्न पहलुओं को जानने और उससे सीखने का अवसर मिलेगा।

राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान इस विशाल जनसंख्या वाले हमारे देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जिस तरह कोविड के प्रबंधन के लिए कार्य किया गया उससे विश्व चकित रह गया। कोविड के विरुद्ध हमारी लड़ाई में 140 करोड़ जनसंख्या को सुरक्षित रखने के लिए हमारे फ्रंटलाइन वर्करों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। युवाओं ने भी फ्रंट लाइन वर्कर बन कर कोविड की रोक थाम एवं समाज को इसके लिए जागरूक करने के अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे ऐसा कार्य करे जिससे देश गौरावान्वित हो और ‘‘एक भारत महान भारत‘‘ का उद्देश्य पूरा हो सके। पढ़ाई समाप्त करने के बाद समाज के वंचित वर्गो की सेवा करने का आव्हान उन्होंने विद्यार्थियों से किया।

इस अवसर पर आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर राजीव प्रकाश ने युवा संगम कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनआईटी, गोवा सहित विभिन्न महाविद्यालयों के 45 विद्यार्थी छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति, यहां की प्रगति और प्रौद्योगिकी से रूबरू होने, परस्पर सम्पर्क के द्वारा छत्तीसगढ़ के लोगों से परिचित होने और पर्यटन स्थलों का भ्रमण होने के लिए पहुंचे हैं।

कार्यक्रम में राज्यपाल हरिचंदन से गोवा के विद्यार्थियों का वैचारिक आदान-प्रदान हुआ। कुमारी रिद्धी भट्ट ने भारत के विकास और संस्कृति के बीच युवाओं की स्थिति पर प्रश्न पूछा जिसका उचित समाधान हरिचंदन ने किया। मुख्यमंत्री फैलोशिप गोवा के लिए कार्यरत उद्धव अवस्थी ने टेक्नोलाजी और परंपरा को जोड़ कर कैसे आगे बढ़ सकते हैं, इस पर प्रश्न किया। हरिचंदन ने कहा कि टेक्नोलाजी और परंपरा अलग-अलग विषय हैं लेकिन टेक्नोलाजी में परंपरा को जोड़ कर उसे आगे ले जा सकते हैं। गुनाआदित्य पाटिल ने युवा संगम प्रोगाम के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया, जिसके कारण उन्हें छत्तीसगढ़ भ्रमण करने का अवसर मिला है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, उप सचिव दीपक अग्रवाल, आईआईटी भिलाई के प्राध्यापक तथा गोवा राज्य से आये हुए युवा विद्यार्थी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

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