कोरबा : फसल मुआवजे को लेकर माकपा ने दो घंटे एसईसीएल कोरबा मुख्यालय का किया घेराव

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कोरबा : फसल मुआवजे को लेकर माकपा ने दो घंटे एसईसीएल कोरबा मुख्यालय का किया घेराव
























































एसईसीएल ने 10 दिनों में मुआवजा देने का दिया आश्वाशन

कोरबा, 09 फरवरी (हि. स.)। एसईसीएल के बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान से प्रभावित किसानों के फसल मुआवजा की मांग को लेकर किसानों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में शुक्रवार को 12 बजे से एसईसीएल कोरबा मुख्यालय के मेन गेट को बंद करके घेराव कर दिया। घेराव के दौरान कार्यालय के अंदर बाहर निकलना पूरी तरह बंद हो गया।

घेराव के बाद प्रबंधन ने वार्ता के लिए माकपा और प्रभावित किसानों को बुलाया। बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं होने पर प्रदर्शन कारी बैठक से उठ कर वापस बाहर निकल गए और मुख्य गेट से अंदर घुसकर महाप्रबंधक कार्यालय के अंदर धरना शुरू कर दिया। इस बीच सुरक्षा कर्मियों और पुलिस से काफी नोकझोक भी हुई। दो घंटे तक घेराव जारी रहने के बाद दोबारा प्रबंधन ने प्रदर्शनकारियों को बैठक के लिए बुलाया और 10 दिनों में मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद घेराव समाप्त हुआ। माकपा ने कहा कि 10 दिनों में मुआवजा भुगतान नहीं हुआ तो फिर अनिश्चितकालीन घेराव किया जाएगा।

माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान के कारण सुराकछार बस्ती के किसानों की भूमि वर्ष 2009 से कृषि कार्य करने योग्य नहीं रह गई है। इससे किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए वर्ष 2019-20 तक का फसल क्षतिपूर्ति व मुआवजा एसईसीएल प्रबंधन को देना पड़ा है। लेकिन इसके बाद वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-24 तक का चार वर्षों का मुआवजा अभी तक लंबित है। वर्ष 2012 में एसईसीएल प्रबंधन ने खेतों के भूमि समतलीकरण करने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन उसने इस पर भी आज तक अमल नहीं किया है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सुमेंद्र सिंह कंवर ने कहा कि इस समस्या को लेकर कई बार आंदोलन किया गया है। लेकिन इस पर प्रबंधन ने आज तक गंभीरता से कोई कार्रवाई नहीं की है और मुआवजे प्रकरण की फ़ाइल को दबाकर बैठी हुई है। माकपा नेताओं ने कहा कि किसानों को मिलने वाले पैसों में काफी देरी हुई है, जबकि यह मुआवजा पहले ही मिल जाना था। इसलिए एसईसीएल को उनके मुआवजे का ब्याज सहित भुगतान करना चाहिए।

प्रथम राउंड के वार्ता की असफलता के बाद एसईसीएल की उदासीनता और उसकी वादाखिलाफी के खिलाफ आक्रोशित किसानों ने महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर कर रहे घेराव को महाप्रबंधक कार्यालय के अंदर शुरू कर दिया, जिससे सुरक्षा कर्मियों और पुलिस बल के साथ प्रदर्शनकारियों की काफी नोक झोंक भी हुई। कार्यालय के अंदर घेराव के बाद पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप से प्रबंधन ने दोबारा बैठक के लिए प्रदर्शनकारियों को बैठक के लिए बुलाया। बैठक में एसईसीएल के अधिकारी, माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, ग्रामीण गणेश राम, सावित्री चौहान उपस्थित थे। बैठक में प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि 10 दिनों के अंदर किसानों को मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। आश्वासन के बाद घेराव समाप्त हुआ।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से दामोदर श्याम, गणेश, अमरजीत, सत्या ठाकुर, युराज सिंह, कन्हाई सिंह, अगहन बाई, दुल कुंवर, विमला, तुलसी, छत कुंवर, आनंद कुंवर, मिथिला के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित किसान उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरिश तिवारी

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