छग विस चुनाव:धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा ने कांग्रेस की घेराबंदी शुरू की
जगदलपुर, 31अक्टूबर(हि.स.)। बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीट पर पहले चरण में 07 नवंबर को मतदान होना है। धर्मांतरण के मुद्दे पर राजनीतिक बहस की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी के दो बड़े नेताओं ने जगदलपुर में धर्मांतरण को लेकर सियासी बयान देकर चुनाव में धर्मांतरण को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार स्क्वायर फॉर्मूले में चल रही है एक कोने में प्रदेश की सरकार है,दूसरे में भ्रष्टाचार तीसरे में धर्मांतरण और चौथे में नक्सलवाद है। जगदलपुर स्थित भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में आयोजित पत्रवार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने धर्मांतरण को लेकर कांग्रेस पर बेहद आक्रामक दिखे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने सोमवार को नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम लेकर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इसके एक दिन पहले ही रविवार को भारतीय जनता पार्टी के ओडिसा कालाहांडी से भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बसंत कुमार पंडा ने भी जगदलपुर में पत्रवार्ता कर कांग्रेस पर धर्मांतरण की आड़ में राष्ट्रांतरण करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज से सवाल करते हुए यह स्पष्ट करने को कहा कि दीपक बैज धर्मान्तरण का समर्थन करते है या विरोध।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा धर्मांतरण के मुद्दे को उठाए जाने और लगातार हो रही बयानबाजी पर बस्तर के सांसद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने मंगलवार को चुप्पी तोड़ते हुए भाजपा पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बस्तर के माहौल को अशांत करने का प्रयास कर रही है। दीपक बैज ने कहा कि धर्मांतरण भारतीय जनता पार्टी के शासन में रहते हुआ था। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी एक विशेष समुदाय का बस्तर में विरोध करती है जबकि सरगुजा में उसी समुदाय के लोगों को टिकट देती है। दीपक बैज ने कहा कि भाजपा को विकास के नाम पर वोट मांगना चाहिए लेकिन भाजपा धर्मांतरण को मुद्दा बना रही है और धर्मांतरण के सहारे सत्ता हासिल करना चाहती है, भाजपा अपनी साजिश में कामयाब नहीं होगी।
उल्लेखनिय है कि बस्तर संभाग की राजनीति में धर्मांतरण का मुद्दा विशेषकर ग्रामीण इलाकों में विगत कुछ माह से हावी रहा है। ग्रामीणों में इसे लेकर नाराजगी भी देखी जाती रही है, परिणाम स्वरूप कई ग्राम पंचायतों के ग्रामसभा तक में यह निर्णय पारित किया गया कि जब तक धर्मांतरित परिवार वापस अपने मूल धर्म में नही लौटता है, तब तक धर्मांतरित परिवार में किसी की मौत होने पर उसे दफनााने के लिए गांव में जगह नही दी जायेगी। ऐसा विरोध ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर देखा गया, जहां धर्मांतरित परिवार के मृतकों को गांव में दफनाने नही दिया गया। धर्मांतरण के इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे
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