धमतरी:मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस का धरना गांधी मैदान में प्रदर्शन

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धमतरी:मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस का धरना गांधी मैदान में प्रदर्शन


धमतरी, 24 दिसंबर (हि.स.)।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इस मुद्दे पर बुधवार दोपहर धमतरी के गांधी मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने धरना-प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान भाजपा सरकार पर तानाशाही और जनविरोधी निर्णय लेने का आरोप लगाया गया।

धरने में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तारिणी चंद्राकर, विधायक ओंकार साहू, पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा सहित वरिष्ठ नेताओं ने मंच से संबोधित किया। नेताओं ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि देश के करोड़ों गरीब, मजदूर और श्रमिक परिवारों के लिए रोजगार और सम्मान की गारंटी है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष तारिणी चंद्राकर ने कहा कि मनरेगा का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ा है, जिन्होंने सत्य, अहिंसा और श्रम की गरिमा का संदेश दिया। योजना का नाम बदलना गांधी के विचारों और उनके योगदान का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार योजनाओं के नाम बदलकर इतिहास और जनभावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। विधायक ओंकार साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीबों और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा सड़क से सदन तक संघर्ष करती रही है। यदि मनरेगा के नाम या स्वरूप में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की गई, तो कांग्रेस और अधिक उग्र आंदोलन करेगी। पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा, लक्ष्मी ध्रुव, लेखराम साहू और हर्षद मेहता ने कहा कि मनरेगा गांवों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इससे लाखों परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है। योजना से छेड़छाड़ ग्रामीण जीवन पर सीधा हमला है।

कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक अध्यक्ष आकाश गोलछा ने किया। धरना-प्रदर्शन में युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल एवं संगठन के विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे। पार्टी ने स्पष्ट किया कि मनरेगा के नाम और मूल स्वरूप से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और विरोध जारी रहेगा। एमएम

प्रतीकों की राजनीति का आरोप:

पूर्व जिला अध्यक्ष शरद लोहाना, मोहन लालवानी और पूर्व दुग्ध संघ अध्यक्ष विपिन साहू ने कहा कि योजनाओं के नाम बदलने से न तो जमीनी समस्याएं हल होंगी और न ही रोजगार बढ़ेगा। उन्होंने सरकार पर असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रतीकों की राजनीति करने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य प्रभात राव मेघावाले, जिला पंचायत सदस्य कविता बाबर, पूर्व पीसीसी सदस्य आनंद पवार सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2006 में कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण गरीबों को 100 दिन का रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा की शुरुआत की गई थी। योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था, लेकिन भाजपा सरकार इसे कमजोर करने का प्रयास कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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