कांग्रेस जनता की जिंदगी से जुड़े मुद्दे पर चुनाव लड़ रही : पवन खेरा

कांग्रेस जनता की जिंदगी से जुड़े मुद्दे पर चुनाव लड़ रही : पवन खेरा
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कांग्रेस जनता की जिंदगी से जुड़े मुद्दे पर चुनाव लड़ रही : पवन खेरा


रायपुर, 1 मई (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमेन कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेरा ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि पूरे देश में यह चुनाव इस देश का वोटर लड़ा रहा है, जनता लड़ रही है। कांग्रेस पार्टी उनके जिंदगी से जुड़े हुए मुद्दे उठा रही है। कांग्रेस नौकरियों के मुद्दे, किसानों के मुद्दे, आरक्षण का मुद्दा, संविधान का मुद्दा, महिला सुरक्षा का मुद्दा, आदिवासियों का मुद्दा उठा रही है। स्वास्थ्य की बात कर रही है, शिक्षा की बात कर रही है, पेपर लीक की बात कर रही है इन्हीं मुद्दों पर चुनाव में जाना चाहिए और इन्ही मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही है।

उन्होंने कहा कि 10 साल आप सरकार में रहे और आपके पास बोलने के लिये कोई उपलब्धि नहीं है। कहां है आपकी रिपोर्ट कार्ड? बताइए 10 साल में आपने क्या किया? बताइए दस साल में बेरोजगारी का पैंतालीस साल का रिकॉर्ड क्यों टूटा? बताइए दस साल में लघु और मध्यम उद्योग है वो तबाह क्यों हुए? बताइए आदिवासियों के साथ जो अत्याचार हुआ वो क्यों हुआ? दलितों के साथ जो अत्याचार हुआ वो क्यों हुआ? महिला सम्मान की ये केवल बातें करते हैं, हकीकत यह है कि हर एक घंटे में चार महिलाओं का बलात्कार जहाँ हो रहा प्रधानमंत्री इस तरह की हल्की बातें करते हुए घूमना क्या अच्छी बात है? हर एक घंटे में दो नौजवान इस देश में आत्महत्या करने मजबूर हैं वहाँ के प्रधानमंत्री मीट, मछली, मुसलमान, मंगलसूत्र ऐसी बाते करते हैं।

मोदी राज में हर एक दिन में तीस किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कोई और प्रधानमंत्री होता तो प्रचार करने से पहले सोचता कि मैं आँखें कैसे मिलाऊंगा, अपने लोगों के सामने कैसे जाऊंगा? यह चुनाव महत्वपूर्ण इसलिए है कि जब आप दो सौ बहत्तर में सरकार बना सकते हो तो आप चार सौ क्यों मांग रहे हो नीयत क्या है आपका?

क्या कारण है कि भाजपा, आदिवासियों और दलितों के खिलाफ है, उनके आरक्षण के खिलाफ है और हम तो एक कदम और आगे जाते हैं। हम कह रहे हैं कि पचास प्रतिशत की जो सीमा है आरक्षण के ऊपर वो खत्म होनी चाहिए। जातिगत जनगणना होनी चाहिए और जो कथाकथित अगड़ी जातियां है, उनमें भी जो आर्थिक रूप से हैं उनको भी आरक्षण की पूरी सुविधा मिलनी चाहिए। ये हमारी गारंटी है, ये हमारा मेनिफेस्टो है, ये हमारा न्याय है और ये न्याय पत्र कैसे बना? ये न्याय पत्र आप लोगों की वजह से बना जब राहुल गाँधी भारत जोड़ो यात्रा पर चल रहे थे, 4 हजार किलोमीटर उसके बाद 6 हजार किलोमीटर की एक और यात्रा की। आप सबसे संवाद हुआ नौजवानों से संवाद हुआ, पत्रकारों से संवाद हुआ, आदिवासियों से, महिलाओं से, दलितों से, किसानों से, मध्यम वर्ग से, वहां से यह न्यायपत्र बना। लोगों के मन की बात सुनी और यह न्यायपत्र बना।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

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