कलेक्टर ने छह दिव्यांग विद्यार्थियों को दिए स्मार्टफोन और ब्लूटूथ कीबोर्ड

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कलेक्टर ने छह दिव्यांग विद्यार्थियों को दिए स्मार्टफोन और ब्लूटूथ कीबोर्ड


कलेक्टर ने छह दिव्यांग विद्यार्थियों को दिए स्मार्टफोन और ब्लूटूथ कीबोर्ड


धमतरी, 6 दिसंबर (हि.स.)। जिले में दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा डिजिटल शिक्षा से सशक्त बनाने की दिशा में धमतरी प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने शनिवार को अपने कार्यालय में आयोजित एक सरल एवं गरिमामय कार्यक्रम में छह दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और ब्लूटूथ कीबोर्ड वितरित किए। इस पहल का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को पढ़ाई, कौशल विकास और डिजिटल संसाधनों से जोड़कर उनके आत्मनिर्भर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है।

ज्योतिर्गमय प्रोजेक्ट के तहत प्रेरणादायी सहयोग

कार्यक्रम में बताया गया कि जिले में संचालित ‘ज्योतिर्गमय प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु ये डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं। इस पहल में सक्षम टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन सक्षम तथा धमतरी निवासी दृष्टिबाधित सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद शर्मा का विशेष योगदान रहा। अरविंद शर्मा कई वर्षों से ब्रेल, डिजिटल लर्निंग और सहायक तकनीकी साधनों के माध्यम से दृष्टिबाधित बच्चों के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। उनकी सतत कोशिशों से पीयूष निषाद, नेहा, सुहानी, दर्शना, दीपा और संदीप को यह डिजिटल उपकरण प्रदान किए जा सके।

इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर कल्पना ध्रुव, मनीषा पाण्डेय उप संचालक समाज कल्याण सहित विभागीय अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि हर दिव्यांग विद्यार्थी तक शिक्षा और तकनीक की समान पहुंच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिले में दिव्यांग हितों के संरक्षण और संवर्धन हेतु और भी योजनाएं तथा सहयोगात्मक प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि डिजिटल उपकरण उनके उज्ज्वल भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

डिजिटल शिक्षा की ओर बड़ा कदम

अधिकारियों ने विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और ब्लूटूथ कीबोर्ड के उपयोग, उनके फीचर्स और पढ़ाई में होने वाले लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बताया गया कि इन डिवाइस के माध्यम से बच्चे ई-रीडर, स्क्रीन रीडर, ऑनलाइन कक्षाओं, रिकॉर्डेड लेक्चर और अन्य डिजिटल शिक्षण सामग्रियों का सुविधाजनक उपयोग कर सकेंगे। इससे उनकी आत्मनिर्भरता और सीखने की गति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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