मुख्यमंत्री साय को वन मंत्री ने वन विकास निगम की लाभांश राशि 2.26 करोड़ का चेक सौंपा

मुख्यमंत्री साय को वन मंत्री ने वन विकास निगम की लाभांश राशि 2.26 करोड़ का चेक सौंपा
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मुख्यमंत्री साय को वन मंत्री ने वन विकास निगम की लाभांश राशि 2.26 करोड़ का चेक सौंपा


रायपुर, 23 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को आज शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में वन मंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के लाभांश की राशि लके करोड़ 26 लाख रुपये का चेक सौंपा।

मुख्यमंत्री साय ने वन विकास निगम के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि वन विकास निगम राज्य में हरित क्षेत्र के प्रसार और पर्यावरणीय विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। निगम ने किसी भी वित्तीय संस्थान से कोई ऋण भी नहीं लिया है। यह लाभ कमाने वाली सरकारी संस्था है। वन विकास निगम की यह उपलब्धि सराहनीय है और अन्य संस्थाओं को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए वन मंत्री, तथा वन विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं दी।

वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मौके पर मुख्यमंत्री साय को छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के कार्यों और उपलब्धियां की विस्तार से जानकारी दी। छत्तीसगढ़ वन विकास निगम के प्रबंध संचालक तपेश कुमार झा ने बताया कि वन विकास निगम भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्ययोजना अंतर्गत रोपित सागौन वृक्षारोपण के विरलन से प्राप्त वनोपज के विक्रय एवं अन्य आय से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 69 करोड़ 44 लाख रुपये की आय प्राप्त हुई है। इस अवधि में निगम को कर पश्चात 52 करोड़ 65 लाख का रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। वर्ष 2022-23 में निगम द्वारा 1319 हेक्टेयर क्षेत्र में 20 लाख 98 हजार सागौन तथा प्रदेश में पर्यावरण सुधार हेतु डिपोजिट रोपण योजना अंतर्गत विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से प्राप्त राशि से 8 लाख 82 हजार मिश्रित प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है।

वन विकास निगम में वृक्षारोपण के विरलन से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15,653 घनमीटर ईमारती काष्ठ, 10 लाख नग बल्ली, 10,804 नग जलाऊ चट्टा तथा 426 नोशनल टन औद्योगिक बांस एवं 2,01,588 नग व्यापारिक बांस का उत्पादन हुआ है। वन विकास निगम द्वारा संपादित किये जा रहे कार्यों से राज्य के वनांचलों में वनवासियों एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के ग्रामीणों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और उन्हें सतत् रोजगार का अवसर मिल रहा है। निगम द्वारा बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्थान से कोई ऋण भी नहीं लिया गया है, न ही निगम को राज्य शासन से कोई अनुदान प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि वन विकास निगम राज्य में हरियाली के प्रसार एवं पर्यावरणीय विकास के लिए कृतसंकल्पित होकर काम कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ गेवेन्द्र

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