मुख्यमंत्री ने कहा झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा
रायपुर, 21 नवंबर (हि.स.)।सुप्रीम कोर्ट के एनआईए की याचिका को खारिज किये जाने के निर्णय के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि ‘झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने ट्वीटकर सवाल किया है।रमन सिंह ने अपने ट्वीट पर कहा कि ‘हाँ! दाऊ जी इस मामले की जांच से षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश होना चाहिए। लेकिन यह तो बताइए कि 2018 से पहले जिन्होंने झीरम के सबूत जेब में होने का दावा किया था उनका क्या होगा? 5 साल तक आपने तो झीरम जैसे गंभीर मुद्दे का राजनीतिक लाभ लिया लेकिन अब भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश की व्यवस्था के अनुरूप इस पूरी घटना की न्यायिक जांच होगी।
उन्होंने कहा है कि झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था। कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की, लेकिन इसके पीछे के वृहद् राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। आज रास्ता साफ़ हो गया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने-किसके साथ मिलकर क्या षडयंत्र रचा था। सब साफ हो जाएगा। झीरम के शहीदों को एक बार फिर श्रद्धांजलि।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रमुख अरुण साव ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।अरूण साव ने कहा सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया है। अब भूपेश बघेल जो लगातार कहते थे झीरम सच मेरे जेब में है, पता नहीं वो किसको बचाने के लिए सबूत जेब में रख कर घूम रहे थे? अब वह बाहर निकलेगा।
इसका स्वागत करते हुए झीरम नक्सली हमले में शहीद धरसीवा के दिवंगत कांग्रेस नेता योगेंद्र शर्मा की पत्नी विधायक अनिता शर्मा ने कहा है कि अब उम्मीद की किरण जागी है और अब झीरम के षड्यन्त्र का पर्दाफाश होगा।
ज्ञात हो कि 25 मई 2013 को जब कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा झीरम घाटी से गुजर रही थी तभी उस पर नक्सली हमला हुआ था, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नन्दकुमार पटेल एवं उनके पुत्र के अलावा बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा सहित 30 लोग शहीद हुए थे। इनमें धरसीवा के कद्दावर नेता योगेंद्र शर्मा भी शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज एनआईए के उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर को ख़ारिज करने की मांग की थी। अब इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस कर सकेगी।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा
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