धमतरी : ट्रेड लाइसेंस अनिवार्यता के विरोध में धमतरी चेंबर आफ कामर्स का प्रदर्शन

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धमतरी : ट्रेड लाइसेंस अनिवार्यता के विरोध में धमतरी चेंबर आफ कामर्स का प्रदर्शन


धमतरी : ट्रेड लाइसेंस अनिवार्यता के विरोध में धमतरी चेंबर आफ कामर्स का प्रदर्शन


धमतरी : ट्रेड लाइसेंस अनिवार्यता के विरोध में धमतरी चेंबर आफ कामर्स का प्रदर्शन


धमतरी, 9 दिसंबर (हि.स.)। शहर में ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता के विरोध में मंगलवार को धमतरी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध दर्ज कराया। ज्ञापन सौंपते समय व्यापारी समुदाय में भारी आक्रोश और चिंता दिखाई दी।

व्यापारियों ने बताया कि, ऑनलाइन कंपनियों और बड़े कॉर्पोरेट नेटवर्क के कारण धमतरी का पारंपरिक बाजार 35–40% तक सिमट गया है। किराना, मेडिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, कन्फेक्शनरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार लगातार मंदी का सामना कर रहा है। ऐसे दौर में नई-नई नीतियां व्यापारियों के लिए असुरक्षा और भ्रम की स्थिति पैदा कर रही हैं।

चेंबर ने बताया कि पहले गुमास्ता और ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त की गई थी, लेकिन नए आदेशों के तहत गुमटी से लेकर बड़े माल तक सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि व्यापारी पहले से ही जीएसटी, आयकर, खाद्य सुरक्षा, ड्रग लाइसेंस, फायर एनओसी, मंडी लाइसेंस जैसी अनेक विभागीय औपचारिकताओं का पालन कर रहे हैं। नगर निगम द्वारा वसूले जा रहे विभिन्न टैक्स संपत्ति कर, स्वच्छता शुल्क, नाली-जल निकासी शुल्क, बोर्ड टैक्स, विज्ञापन शुल्क, लोडिंग- अनलोडिंग शुल्क, फायर शुल्क और व्यापारिक परिसर उपयोग शुल्क का उल्लेख करते हुए चेंबर ने कहा कि दुकान के क्षेत्रफल के आधार पर चार से छह रुपये प्रति वर्गफुट का ट्रेड लाइसेंस शुल्क व्यापारियों के लिए एक और अतिरिक्त बोझ है। चेंबर अध्यक्ष कैलाश कुकरेजा ने कहा कि यह दोहरा टैक्स है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष ललित बरडिया ने इस नीति को व्यापार विरोधी बताते हुए निरस्तीकरण की मांग की। प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश (राजा) रोहरा ने कहा कि धमतरी का व्यापार पहले से संघर्ष कर रहा है और ऐसे निर्णय व्यापारी समुदाय को गंभीर संकट में डाल रहे हैं।चेंबर ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने ट्रेड लाइसेंस नीति वापस नहीं ली, तो व्यापारी प्रतिदिन घड़ी चौक में शांतिपूर्वक धरना देंगे।

ज्ञापन रैली में कुल 146 व्यापारी शामिल हुए। प्रमुख उपस्थित प्रतिनिधियों में अर्जुन जसवानी, सुरेश माहवार, सुनील जैन, ज्ञानचंद लूनावत, दिनेश रोहरा, आलोक पाण्डेय, कैलाश कुकरेजा, प्रमोद पाण्डेय, ललित बरडिया और राजेश साहू शामिल थे। इसके साथ ही सुरेश वर्ल्यानी, ललित माणिक, कन्हैया कामरानी, भूपेश अंबानी, महेश चावला, अमित अग्रवाल, पीयूष राठौर, रमेश दीवानी, रोशन बोधवानी एवं अन्य व्यापारी भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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