भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को दी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को दी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं


रायपुर, 1 नवंबर (हि.स.)।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने 1 नवंबर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के बाद छत्तीसगढ़ हर वर्ष विकास के नये आयाम गढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ भारत का एकमात्र राज्य है, जिसे ‘महतारी’ (माँ) का दर्जा प्राप्त है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी के प्रयासों और उनके कार्यकाल के दौरान साल 2000 में जुलाई में लोकसभा और अगस्त में राज्यसभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी। एक नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया था। साल 2000 में जुलाई में लोकसभा और अगस्त में राज्यसभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी. जिसके बाद 4 सितंबर 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में दर्ज हो गया।

उल्लेखनीय विभिन्न संस्कृतियों का केंद्र रहा छत्तीसगढ़ आज भी अपने प्राचीन मंदिरों के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है।प्राचीन भारत के दौर से ही भारत को गौरवान्वित करने के बाद आज भी छत्तीसगढ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इस इलाके की भाषा को छत्तीसगढ़ी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ी के अलावा भी राज्य में माढ़िया, हल्बी, गोंडी जैसी भाषा बोली जाती हैं।छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. आज रायपुर दुनिया में आकर्षण का केन्द्र बन चुका है। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद इसकी राजधानी को लेकर काफी विचार-विमर्श हुआ। पहले बिलासपुर को राजधानी बनाए जाने पर विचार किया गया, क्योंकि बिलासपुर वर्तमान राजधानी से उस समय पर ज्यादा विकसित था।

इतिहासकारों के अनुसार करीब 300 साल पूर्व गोंड जनजाति के शासनकाल में यहाँ गोंड राजाओं के 36 किले थे। जिनके आधार पर इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया। कुछ इतिहासकारों के अनुसार कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किलों (शिवनाथ नदी के उत्तर में कलचुरियों की रतनपुर शाखा के 18 गढ़ और दक्षिण में रायपुर शाखा के 18 गढ़) को मिलाकर इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया था। इससे पूर्व इस पूरे क्षेत्र को कौशल राज के नाम से जाना जाता था।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

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