भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने मेरी मानहानि की है : विनोद वर्मा
जानबूझकर बदनाम करने का षडयंत्र है, माफी मांगें या मुकदमा झेलें
रायपुर, 9 नवंबर (हि.स.)। कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुये वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा कि प्रदेश में लाखों वर्मा होंगे। मैं न किसी शुभम सोनी को जानता हूं और न कभी उससे मिला हूं। मेरा नाम प्रवक्ता गणों की ओर से जानबूझकर व अवैधानिक ढंग से लिया गया है। यह मुझे बदनाम करने की सोच समझ कर चली गई एक कुत्सित राजनीतिक चाल है। अगर वे अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त नहीं करते और अपना बयान वापस नहीं लेते तो मैं इन तीनों भाजपा प्रवक्ताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करूंगा।
उन्होंने कहा कि महादेव ऐप की जांच का काम छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुरु किया है। अब तक 72 मामले दर्ज किए गए हैं और 449 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। 191 लैपटॉप, 865 मोबाइल फ़ोन और डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति और 16 करोड़ रुपये बैंक खातों में ज़ब्त किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में दर्ज मामलों के आधार पर ही प्रत्यावर्तन निदेशालय यानी ईडी ने जांच शुरु की।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही जांच के बाद पाया कि महादेव ऐप के संचालक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर हैं। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया।- इसके बाद से लगातार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश लगातार कह रहे हैं कि इन अपराधियों को केंद्र सरकार गिरफ़्तार करे क्योंकि वे इस देश में नहीं रहते और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता कि वे किसी अपराधी को किसी दूसरे देश से गिरफ़्तार करके लाएं।-
उन्होंने कहा कि ईडी महादेव ऐप के ज़रिए हुई मनीलांड्रिंग की जांच कर रही है पर अब तक के घटनाक्रम से स्पष्ट है कि दरअसल ईडी इस जांच के बहाने कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ही प्रताड़ित कर रही है और भरपूर कोशिश कर रही है कि किसी तरह इसके तार मुख्यमंत्री भूपेश और उनके सहयोगियों को लपेटा जा सके।
जब मेरे घर पर, मुख्यमंत्री के दो ओएसडी आशीष वर्मा और मनीष बंछोर के घर छापा मारने और बयान दर्ज करने के बाद कुछ न मिला तो वे विजय भाटिया के घर छापा मारने पहुंच गए। भाटिया जी के यहां छापा मारने और बयान लेते वक़्त तो उन्होंने अमानवीय बर्ताव भी किया। पर उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।- जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो उन्होंने ऐन चुनाव के वक़्त एक नया षडयंत्र रचा है।- तीन नवंबर को उन्होंने एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया। उसकी कार और घर से करोड़ों रुपए बरामद किए और फिर उसका कथित बयान सामने आया कि उसे ये रुपए किसी राजनीतिक बघेल को पहुंचाने को कहा गया था। उसके कथित बयान के आधार पर ही ईडी ने कहा कि वह बघेल और कोई नहीं बल्कि राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश हैं और उन्हें 508 करोड़ रुपये पहुंचाए गए हैं।
बहुत से लोगों ने उस दिन पहली बार शुभम सोनी का नाम सुना क्योंकि इस शुभम सोनी का नाम ईडी की महीनों की जांच के बाद चार्जशीट में भी नहीं है तो क्या ईडी की अब तक की जांच सिरे से ग़लत थी?
- इसके दो दिन बाद मीडिया में एक वीडियो अवतरित हुआ. देश के सभी प्रमुख चैनलों ने इसे ग़ैर ज़िम्मेदाराना ढंग से प्रसारित किया। स्पष्ट रूप से काट छांट कर जारी किए गए इस वीडियो में शुभम सोनी नाम का व्यक्ति यह कहता है कि उसे किसी ‘वर्मा जी’ ने उसे मुख्यमंत्री से मिलवाया।- वह इस ‘वर्मा जी’ का नाम बार बार लेता है।
- भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने रायपुर में भाजपा कार्यालय में एक पत्रवार्ता बुलाई और इस वीडियो पर टिप्पणियां कीं। उनके साथ भाजपा के प्रदेश प्रवक्तागण केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल भी इस पत्रवार्ता में शामिल थे। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बिना हिचक, बिना संकोच कह दिया कि शुभम सोनी ने जिस ‘वर्मा जी’ का नाम बार बार लिया वह और कोई नहीं बल्कि विनोद वर्मा हैं।
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-उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लाखों वर्मा होंगे। इनमें से हजारों लोगों को वर्मा जी के नाम से पुकारा जाता होगा। भाजपा के राष्ट्रीय व प्रदेश प्रवक्ता किस आधार पर इस नतीजे पर पहुंचे कि वह वर्मा जी और कोई नहीं विनोद वर्मा था?- मैं न किसी शुभम सोनी को जानता हूं और न कभी उससे मिला हूं। मेरा नाम प्रवक्ता गणों की ओर से जानबूझकर व अवैधानिक ढंग से लिया गया है। मैंने प्रवक्ता गणों की इन करतूतों को गंभीरता से लिया है और 8 नवंबर को मेरे वकील की ओर से सिद्धार्थ नाथ सिंह, केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल को नोटिस भेज दी गई है।- अगर वे अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त नहीं करते और अपना बयान वापस नहीं लेते तो मैं इन तीनों भाजपा प्रवक्ताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करूंगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल
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