सात सांसदों का टिकट काटकर भाजपा ने हार मान ली है : आलोक शर्मा

सात सांसदों का टिकट काटकर भाजपा ने हार मान ली है : आलोक शर्मा
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सात सांसदों का टिकट काटकर भाजपा ने हार मान ली है : आलोक शर्मा


रायपुर, 4 मई (हि.स.)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय रायपुर में शनिवार को पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश में नौ में से सात सांसद की टिकट काटकर भाजपा ने सबसे पहले ही हार मान ली है। छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों ने संसद में कभी आवाज नहीं उठाई, टिकट काटने से यह सिद्ध कर दिया। कांग्रेस पार्टी का चुनाव का प्रचार सकारात्मक मोड पर है और छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव भी हमने सकारात्मक मोड पर लड़ा था। प्रधानमंत्री जो वायदे दिसंबर के चुनाव में किये उसमें से कितने वादे पूरे हुये हैं?

उन्होंने कहा कि 3100 रुपये एमएसपी एकमुश्त देने की बात की, नहीं दिये। भाजपा को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगना चाहिये। झूठ बोलकर विकासशील छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को षडयंत्र पूर्वक हटाने का काम किया। भाजपा की 15 साल की सरकार में नक्सलवाद बढ़ा। नक्सलवाद बढ़ते-बढ़ते एक दर्जन से ज्यादा जिलों में फैलता चला गया। वर्तमान में भाजपा के लीडर स्वयं सुरक्षित नहीं है। कई बड़े नेताओं की हत्या नक्सलवाद के चलते हुयी। 2013 में कांग्रेस के कई दिग्गज बड़े-बड़े नेताओं हमारे कुनबे का बहुत बड़ा हिस्सा नक्सलवाद से लड़ाई करते हुये भेट चढ़ा। फिर छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद नक्सलवाद और अपराध दोनों चीजे बढ़ती जा रही है। अपराध और नक्सलवाद दोनों को एक रिमोर्ट कंट्रोल सरकार कहीं न कहीं से बढ़ावा दे रही है और उसको रोक नहीं पा रही है।

कांग्रेस आरोप लगाती है कि इसकी जांच होनी चाहिये कि नक्सली घटनायें क्यों बढ़ रही है। यहां के लोगों को गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी क्यों लिखनी पड़ रही है। कांग्रेस पार्टी का एक नारा है सुरक्षा भी देंगे, विश्वास भी लायेंगे और विकास भी करेंगे। भाजपा की सरकार आने के बाद आज विकास भी गायब हो गया है, विश्वास और सुरक्षा भी गायब हो गया है। भाजपा ने किसानों के साथ छलावा किया। कृषि उपकरणो में जीएसटी लगा दी गयी, जिससे किसान की आय और कम हो गयी। किसानों के ऊपर चौतरफा मार लगी। मोदी ने नारा दिया था 2022 में किसानों की आय दोगुनी होने का, लेकिन आज हालात यह है कि 32 रुपये से घटकर जो आय है वो आज 27 रुपये प्रति किसान, प्रति व्यक्ति, प्रति दिन पर आ गयी। यह हमारे आकंडे नहीं है, यह सरकारी आकड़े हैं।

किसानों के उपर कर्जा लगभग 10 सालों में दोगुना हो गया। 47 हजार रुपये से बढ़कर लगभग 93 हजार रुपये प्रति किसान का कर्जा बढ़ गया। छत्तीसगढ़ किसान मेहनत भी अधिक करते हैं और उपज भी ज्यादा पैदा करते हैं। किसानों के उपर कर्जा बढ़ता है तो सीधा-सीध केन्द्र सरकार के नीतियों का कुप्रभाव है। एक तरफ छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़ रहे दूसरी तरफ भयंकर बेराजगारी बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में 11 में से 9 सांसद भाजपा के हैं। छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों ने कभी भी जनता के मुद्दों के लिये आवाज नहीं उठायी।

छत्तीसगढ़ का जीएसटी का पैसा जो केन्द्र सरकार देती है, जो राज्य की हिस्सेदारी होती है। भाजपा के किसी भी सांसद ने हिम्मत नहीं दिखाई कि वित्तमंत्री, प्रधानमंत्री से मांग करे कि छत्तीसगढ़ के हिस्से का पैसा मिल सके। मोदी ने छत्तीसगढ़ के नौ सांसदों में से सात सांसद के टिकट काट दिये ताकि एंटी इनकंबेंसी ना हो।

छत्तीसगढ़ में पिछले पांच साल कांग्रेस सरकार में किसान, युवा, महिला सभी वर्ग खुश थे। धान और तेंदूपत्ता की समर्थन मूल्य में खरीद हुयी। बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मिला। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने से सब योजनायें बंद हो गयी। पिछले कई समय से हम आरोप लगा रहे कि चुनाव आयोग अपने दायित्व का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रही है। हमने भाजपा नेताओं की दर्जनों शिकायत चुनाव आयोग से की पर चुनाव आयोग ने अभी तक किसी शिकायत का निवारण नहीं किया। मोदी के शासनकाल में ईवीएम भी सुरक्षित नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल/गायत्री

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