ढाई सौ साल पुराने बिलाई माता मंदिर में नवरात्र के पहले दिन लगेगा 340 ग्राम सोने का मुकुट और छत्र

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ढाई सौ साल पुराने बिलाई माता मंदिर में नवरात्र के पहले दिन लगेगा 340 ग्राम सोने का मुकुट और छत्र


धमतरी , 1 अक्टूबर (हि.स.)।धमतरी शहर की आराध्य देवी मां विंध्यवासिनी को इस नवरात्र 340 ग्राम सोने का मुकुट और छत्र से सजाया जाएगा। इसकी तैयारी में विंध्यवासिनी मंदिर ट्रस्ट के सदस्यगण जुटे हुए हैं।मान्यता है कि 250 साल पुरानी एतिहासिक बिलाई माता मंदिर (विंध्यवासिनी मंदिर) में जो भी भक्त आते हैं,उनकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। भक्तों के चढ़ावे में आए 340 ग्राम सोने से बनाए गए मुकुट और छत्र नवरात्रि के पहले दिन लगेगा।

विंध्यवासिनी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आनंद पवार, सदस्य सूर्याराव पवार, माधवराव पवार ने बताया कि धमतरी नगर में स्थित बहुत ही प्राचीन मंदिर विंध्यवासिनी बिलाई माता के नाम से प्रसिद्ध है। जिसके दर्शन मात्र से सब कार्य पूर्ण हो जाते हैं। ऐसी ही अधिष्ठात्री एवं संरक्षिका देवी विंध्यवासिनी जमीन से दिव्य पत्थर से बढ़ते-बढ़ते स्वतः प्रकट हुई। देवी को विशाल स्वरूप सिंदूर से सुशोभित लालिमा तेजोमय रूप से भक्तजनों को आशीर्वाद देने अपनी दृष्टि से सबको निहार रही हैं। नव विवाहित जोड़ा मां विंध्यवासिनी से आशीर्वाद प्राप्त कर अपने सुदीर्घ, सफल पारिवारिक जीवन का प्रारंभ करते हैं। जो भी व्यक्ति एक बार मां के अलौकिक रूप को देख लेता है, बार-बार देखना चाहता है।

एक भक्त ने मुकुट बनाने 100 तोला सोना दान किया

इस मंदिर में पहले माता जी का मुकुट और छत्र चांदी का था। जिसे अब सोने की परत वाली बनाई गई है। मुकुट में 180 ग्राम एवं छत्र में 160 ग्राम का सोना परत चढ़ाया गया है। मराठा पारा के एक भक्त ने 100 तोला सोना दान में दिया। इसके अलावा तीन अन्य ने भी गुप्त सोने का दान दिया। कुछ भक्त भी सोना चढ़ाए थे। जिसे मुकुट और छत्र तैयार कराया गया है। कापर के ऊपर लगे सोने के मुकुट और छत्र नवरात्र के दिन लगाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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