बस्तर गोंचा महापर्व : भगवान जगन्नाथ का नेत्रोत्सव पूजा विधान 6 को
रथयात्रा का एलईडी स्क्रीन के माध्यम से लाइव प्रसारण किया जाएगा : ईश्वर खंबारी
जगदलपुर, 5 जुलाई (हि.स.)। बस्तर संभाग मुख्यालय के श्रीजगन्नाथ मंदिर में आज शुक्रवार को 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज एवं बस्तर गोंचा महापर्व समिति के द्वारा आयोजित पत्रवार्ता में बस्तर गोंचा महापर्व समिति के अध्यक्ष विवेक पांडे ने बताया कि 617 वर्षों से रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 22 जून से 17 जुलाई तक 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज बस्तर गोंचा महापर्व का आयोजन कर रही है। 22 जून को देवस्नान पूर्णिमा (चंदन जात्रा) पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व का आगाज हो चुका है। भगवान श्रीजगन्नाथ के 15 दिवसीय अनसर काल की समाप्ति के साथ 6 जुलाई को नेत्रोत्सव पूजा विधान संपन्न किया जावेगा। 7 जुलाई को पारम्परिक बस्तर के तुपकी (तुपक-बंदूक) की सलामी के साथ श्रीगोंचा रथयात्रा पूजा विधान में भगवान श्रीजगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर रथ परिक्रमा मार्ग से होते हुए जनकपुरी सिरहासार भवन में विराजित किये जायेंगे, जहां अनवरत 9 दिनों तक श्रद्धालु भगवान के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। इस दौरान निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार 08 जुलाई से 15 जुलाई तक प्रत्येक दिवस समाज के द्वारा विविध धार्मिक/सांस्कृतिक अनुष्ठान की रियासत कालीन परम्परा का निर्वहन किया जावेगा।
360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खंबारी ने बताया कि इस वर्ष श्रीगोंचा रथयात्रा, हेरा पंचमी, छप्पन भोग एवं बाहुड़ा गोंचा रथयात्रा का शहर में लगे बड़े एलईडी स्क्रीन के माध्यम से लाइव प्रसारण किया जावेगा। इसके साथ ही शोशल मीडिया फेसबुक, यू ट्यूब के माध्यम से भी लाइव प्रसारण किया जावेगा। उन्होने बताया कि गोंचा महापर्व के दौरान प्रत्येक दिवस संध्या 7:30 बजे भगवान की महाआरती उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होंगे, जिसमें स्थानीय एवं सांस्कृतिक मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति होगी। समाज द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष 10 जुलाई 2024 को अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन बनमाली पानीग्राही परिवार जगदलपुर के द्वारा किया जायेगा। 11 जुलाई को समाज के बुजुर्गो का सम्मान के साथ- भगवान श्रीजगन्नाथ को सलामी देने हेतु तुपकी बनाने वाले ग्रामीण तुपकी निर्माताओं का भी सम्मान किया जावेगा, और उक्त दिवस को ही हेरापंचमी पूजा विधान में संध्या 6:30 बजे श्रीजगन्नाथ मंदिर से लक्ष्मीजी की डोली नगर भ्रमण जनकपुरी सिरहासार पंहुचेंगी, जहां लक्ष्मी-नारायण संवाद का कार्यक्रम सम्पन्न होगा। 12 जुलाई को गुण्डिचा मण्डप सिरहासार में भगवान श्रीजगन्नाथ स्वामी को छप्पन भोग का अर्पण समाज के सदस्य ओंकार पाण्डे परिवार के द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी किया जावेगा। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 जुलाई को निःशुल्क उपनयन संस्कार समाज के संस्थापक अध्यक्ष स्व. मोहन प्रसाद पानीग्राही एवं स्व. उमेशचंद्र पानीग्राही परिवार के मार्गदर्शन में करवाया जावेगा।
उन्होने बताया कि बस्तर गोंचा महापर्व को भक्तिमय-धार्मिक स्वरूप प्रदान करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष की इस वर्ष भी पर्व के दौरान 8 दुकानें जिसमें पूजा, सामाजिक, धार्मिक, वस्तुओं के साथ-साथ भगवान श्रीजगन्नाथ का भोग प्रसाद भी श्रद्धालुओं के लिये उपलब्ध होंगे। उन्होने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के महामहिम राज्यपाल हरिचंदन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को परम्परानुसार गोंचा महापर्व में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रण समाज के प्रतिनिधि मंडल द्वारा बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिया गया। मुख्यमंत्री ने पर्व में हेरा पंचमी या छप्पन भोग के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आश्वस्त किया है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नगरपालिक निगम जगदलपुर के सहयोग से गोंचा गुड़ी का निर्माण करवाया जा रहा है। जिसमें दिव्यांग, वृद्धजन भी बैठकर गोंचा महापर्व का आनन्द प्राप्त कर सकेंगे। निगम के द्वारा गोंचा महापर्व के दौरान शुद्ध पेयजल एवं साफ-सफाई की व्यवस्था में योगदान दिया जायेगा ।
360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खंबारी ने बताया कि शताब्दियों से रियासतकालीन परम्परानुसार भगवान श्रीजगन्नाथ को अमनिया अर्थात् सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के 14 क्षेत्रीय समितियों में विभक्त 108 से अधिक ग्रामों में निवासरत् समाज के परिवारों द्वारा 8 जुलाई से 14 जुलाई तक प्रतिदिन भोग लगाने के पश्चात् श्रद्धालुओं को वितरण किया जायेगा। नवीन रथ निर्माण कार्य भी पूर्णता की ओर है, एक रथ के नवीन कपड़ों का निर्माण टेम्पल कमेटी जगदलपुर के माध्यम से कराया जा रहा है। इस वर्ष विद्युत साज-सज्जा के साथ भव्य स्वरूप में रथ संचालन करने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होने बताया कि 15 जुलाई 2024 को बाहुड़ा गोंचा पूजा विधान के साथ भगवान श्रीजगन्नाथ, माता सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी श्रीमंदिर लौटेंगे, एवं कपाट फेड़ा पूजा विधान में माता लक्ष्मी एवं महाप्रभु श्रीजगन्नाथ के मध्य संवाद पश्चात् गर्भगृह में स्थापित होंगे, 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ बस्तर गाेंचा महापर्व का परायण आगामी वर्ष के लिए होगा।
पत्रकार वार्ता के समाज के अध्यक्ष ईश्वर नाथ खम्बारी, गोंचा अध्यक्ष विवेक पांडे, सुदर्शन पाणिग्राही, आत्माराम जोशी, रजनीश पाणिग्राही, नरेन्द्र पाणिग्राही, बनमाली पाणिग्राही, अनंत प्रसाद पांडे, गजेन्द्र पाणिग्राही, विजय पांडे, चिंतामणि पाण्डे, वेणुधर पाणिग्राही, बिम्बाधर पांडे, बद्रीनाथ जोशी, संतोष पांडे, योगेश पाणिग्राही, अरुण पाढ़ी, गज्जू पाणिग्राही, देव शंकर पंडा, उत्तम पाणिग्राही, प्रशांत पाणिग्राही, जशकेतन जोशी, मिनकेतन पाणिग्राही, चोखालाल पाणिग्राही, निर्मल पाणिग्राही आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे
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