बैगा-गुनिया को समझाया गया मच्छर के काटने से होता है मलेरिया
धमतरी, 23 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत् वनाचंल एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बैगा-गुनिया बैठक - सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसी कार्यक्रम के तहत् 23 सितंबर को मगरलोड ब्लाॅक के ग्राम मोहेरा एवं सिंगपुर में सम्मेलन संपन्न हुआ।
मोहेरा में नौ बैगा एवं सिंगपुर में आठ बैगा गुनिया ने भाग लिया। इससे पहले दुगली नगरी में 25 बैगा- गुनिया ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य ग्रामीण अंचलों में व्याप्त अंधविश्वास को दूर करना है, क्योंकि मलेरिया से प्रभावित मरीज को कंपकपी के साथ बुखार आता है और लोगों में अंधविश्वास होता है। कंपकपी आने का कारण भूत-प्रेतबाधा मानते हैं। इसी अंधविश्वास को दूर करने के लिए स्थानीय बैगा-गुनिया को समझाया गया कि यह मच्छर के काटने से होने वाला रोग मलेरिया है। इसमें ठंड लेकर कंपकपी के साथ बुखार का आना। इस तरह के बुखार या कोई भी बुखार व तबीयत खराब होने पर खुन की जांच अवश्य करायें और अपने आस पास के स्वास्थ्य कर्मी व अस्पताल से जांच एवं दवाई समय पर अवश्य लें मच्छर से बचाव के उपाय करें।
बैगा-गुनिया को भी सलाह दी गई है, कि इस तरह के आने वाले मरीजों को चिकित्सकीय सलाह लेने के लिए परामर्श करें। इस मौके पर बैगा गुनिया को सम्मेलन में उपस्थिति पर प्रमाण पत्र मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा यूएल कौशिक के हाथों दिया गया। यह सम्मेलन 23 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गट्टासिल्ली 37 बैगा, 24 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिहावा 50 बैगा, 25 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सांकरा 99 बैगा, 26 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलरगांव 46 बैगा, 27 सितंबर को बोरई 42 बैगा, 28 सितंबर को मगरलोड 35 बैगा, 30 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुकरेल 29 बैगा, 1 अक्टूबर को केरेगांव 28 बैगाओं की उपस्थिति के लिए पंजीकृत की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा
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