फसलों पर जीवों के हानिकारक प्रभाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम कर रहा है राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान : डॉ. रमन सिंह
- विधानसभा अध्यक्ष लाभार्थी किसान सम्मेलन में हुए शामिल
- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के कैलेण्डर, प्रसार पत्रक और अर्धवार्षिकी पुस्तिका का किया विमोचन
- किसानों को पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर का किया वितरण
रायपुर, 17 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज शनिवार को राजधानी रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अतिथियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण किया। डॉ सिंह ने इस दौरान प्रतीक स्वरूप पांच किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर पंप का वितरण किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाभार्थी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं। जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था। तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि, राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। संस्थान द्वारा किसानों की समृद्धि और उत्पादन में वृद्धि के लिए जैविक कारणों को ढूंढ कर उनका समाधान निकाला जा रहा है। इसके साथ ही देश और प्रदेश के विद्यार्थियों को कृषि मैनेजमेंट की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर देश को उन्नति के राह पर ले जा रहे हैं।
किसान लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का संस्थान छत्तीसगढ़ में होना गौरव की बात है और यह खुशी की बात है कि इस संस्थान की स्थापना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रीत्व काल में हुआ था। यह संस्थान छत्तीसगढ़वासियों के हित में उनके दूरदृष्टि परिणाम है। उन्होंने किसानों को इस संस्थान से जुड़कर समृद्ध किसान बनने की अपील की।
कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पीके घोष, डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / गायत्री प्रसाद धीवर / चन्द्र नारायण शुक्ल
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