विधानसभा में किसान आत्महत्या मामले पर विपक्ष का सदन से वॉकआउट
रायपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन आज गुरुवार को कार्यवाही शुरू होते ही किसान आत्महत्या मामले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग पर अड़े विपक्ष ने प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद सदन से वॉकआउट ( बहिर्गमन) कर दिया।
सदन की शुरुआत में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लीलाराम भोजवानी और डाक्टर रामलाल भारद्वाज को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद दो मिनट का मौनकर रखकर सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अंतिम दिन सदन में दिवंगत सदस्य लीलाधर भोजवानी और रामलाल भारद्वाज के निधन की सूचना स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने सदन को दी। दिवंगत नेताओं के संबंध में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, सीएम विष्णु देव साय, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल समेत अन्य सदस्यों ने दिवंगत नेताओं के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके निधन को प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया । सभी सदस्यों का वक्तव्य को सुनने के बाद स्पीकर रमन सिंह समेत पूरे सदन के सदस्यों दिवंगत नेताओं को दो मिनट के लिए मौन श्रद्धांजलि दी। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
श्रद्धांजलि देने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज नारायणपुर में हुए किसान की आत्महत्या का मामला जोर जोर-शोर से उठा। विपक्ष ने सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा से पहले नारायणपुर के किसान आत्महत्या मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया। शीतकालीन सत्र के अंतिम कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने नारायणपुर में एक आदिवासी किसान के आत्महत्या का मामला उठाते हुए इस पर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए चर्चा कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, भूपेश बघेल समेत अन्य विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए चर्चा कराने का आग्रह किया।
स्थगन प्रस्ताव पर व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए भाजपा सदस्य धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पहला सत्र निर्धारित विषय पर आहूत होता है इसलिए इसमें स्थगन , शून्यकाल या ध्यानाकर्षण की सूचनाएं नहीं लिया जा सकता। इसे सदन में चर्चा में लेना सदन के नियमों के विपरीत है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती। विपक्ष ने ऐसे गंभीर विषय पर नियमों को शिथिल कर चर्चा कराने का आग्रह किया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में कहा, विशेष परिस्थिति है, किसान ने कर्ज के बोझ से आत्महत्या की है, महत्वपूर्ण मुद्दा है, इस पर चर्चा होनी चाहिए।भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, नियम प्रक्रियाओं से परे सदन नहीं चल सकता, स्थगन का उल्लेख नहीं किया गया है, इसलिए चर्चा उचित नहीं है। नेता प्रतिपक्ष डाॅक्टर चरणदास महंत ने कहा कि गरीब की दुख सुनने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, अध्यक्ष दयालु है, दिल दरिया है, उसमें किसान या आदिवासी समा सकता है, चर्चा होनी चाहिए।भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, अभिभाषण पर चर्चा के दिन नियम के विपरीत चर्चा की मांग हो रही। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, सत्र आहूत होने के बीच आत्महत्या हुई है, बाद में चर्चा संभव नहीं है, इसे ग्राह्य करके चर्चा कराया जाए।
पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस के बीच विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने सभी सदस्यों की बात सुनने के बाद स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके विरोध में विपक्ष के सभी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट ( बहिर्गमन) करते हुए अपना आक्रोश जताया।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा
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