आदिवासी विरोधी सरकार का आरोप लगाकर अरविंद नेताम ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
जगदलपुर, 10 अगस्त(हि.स.)। कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने एआईसीसी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है। नेताम सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक हैं, वे इंदिरा और नरसिम्हा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। आगामी विधान सभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के द्वारा 50 सीट में चुनाव लडऩे की घोषणा के दौरान अरविंद नेताम से पत्रकारों के द्वारा पूछे गये इस सवाल से कि वे कांग्रेस के सदस्य हैं, पर असहज महसूस कर रहे थे, जिसके बाद अंतत: आज उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
अरविंद नेताम ने अपने प्रेषित त्याग पत्र में लिखा कि मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं, पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेंशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोग रवैये के कारण मुझे निराशा हुई। प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम करने तथा पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन में ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है, इस प्रकार से आदिवासी विरोधी सरकार है। अत: मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं। केन्द्रीय नेतृत्व से मुझे हमेशा मार्गदर्शन एवं आर्शीवाद मिलता रहा है, उसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं।
उल्लेखनिय है कि 04 बार के सांसद अरविंद नेताम इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे हैं, वर्ष 1996 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी और फिर 1998 में कांग्रेस में लौट आए थे, वर्ष 2012 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आदिवासी नेता पीएम संगमा का समर्थन किया तो उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, वर्ष 2018 में नेताम ने दोबारा कांग्रेस प्रवेश किया था। नेताम बसपा, भाजपा और राकांपा के साथ अपनी राजनीतिक पारियां खेल चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार, राकेश पांडे

