श्री नवपद ओली में शामिल होने जैन मुनियों का धमतरी आगमन
धमतरी, 9 अप्रैल (हि.स.)। धमतरी जैन समाज द्वारा श्री नवपद ओली आराधना का आयोजन किया गया है। जिसमें शामिल होने विशेष अनुरोध पर छह जैन साधु, साध्वी का धमतरी आगमन हुआ है। मंगलवार नौ अप्रैल को सभी ने शहर प्रवेश किया। 15 अप्रैल से ओली आराधना प्रारंभ होगी। पहुंचे संतों में चार एक ही परिवार से पति- पत्नी, बेटा-बेटी भी शामिल हैं।
जैन समाज द्वारा श्री नवपद ओली चैत्र पक्ष के सप्तमी तिथि 15 अप्रैल से आयोजन किया गया है। इसमें शामिल होने गणाधीश पन्यास प्रवर विनय कुशल मुनि जी मसा, विराग मुनि जी मसा आदि ठाणा चार, भव्य मुनि जी मसा, साध्वी विरतियशा श्रीजी मसा, विनमुयशा श्रीजी मसा ठाणा दो का धमतरी प्रवेश हुआ। सभी संतों का रायपुर से पैदल धमतरी प्रवेश पर जैन समाज ने स्वागत सत्कार किया। सभी ईतवारी बाजार स्थित जिनालय में रूके हुए हैं। समाज के अध्यक्ष विजय गोलछा ने बताया कि श्री नवपद ओली 15 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। जिसमें संतों के आशीर्वाद से आराधना होना निश्चित हुआ है। धमतरी के समाज के लोग आराधना के लिए अपना नाम दर्ज कराएंगे। शामिल होने वाले लोगों को दोपहर 12.20 बजे उबला हुआ खाना दिया जाएगा। बाकी टाइम सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले पानी ग्रहण करेंगे। यह 23 अप्रैल तक रहेगा। धमतरी पहुंचे संतों में विराग सागर मुनि जी भी शामिल हैं। विराग मुनि मूलतः पाली राजस्थान के हैं। सन् 2014 में पाली में ही कुशल मुनि जी मसा से उन्होंने दीक्षा ली थी। उनकी पत्नी, बेटा और बेटी ने सांसारिक मोह त्याग कर उनके साथ भी दीक्षा ली थी। तब विराग सागर की उम्र 36 वर्ष, बेटी की उम्र 12 वर्ष और बेटे की उम्र नौ वर्ष थी। संत विराग ने उपवास में नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने 171वें उपवास के बाद बालाघाट में पांच जुलाई 2023 को पारना किया था। बताया गया कि भगवान महावीर ने 180 उपवास किया था। उसके बाद ये पहले संत हैं जिन्होंने इतना उपवास किया है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राज्यों का विहार भी किया है। इस दौरान वे दिनभर में सिर्फ आधा लीटर गरम पानी ही ग्रहण करते थे। उनके इस निराहार उपवास की जांच करने चिकित्सकाें की टीम भी पहुंची थी। ऐसे संत के धमतरी आगमन पर यहां के लोग धन्य हो गए। विराग मुनि के साथ उनकी सांसारिक पत्नी साध्वी विरतियशा श्रीजी मसा, बेटी विनमुयशा श्रीजी मसा, बेटा भव्य मुनि जी मसा भी पहुंचे हैं।
क्या है श्री नवपद ओली
श्री नवपद ओली के दौरान जैन समाज के लोग एक तपस्या करते हैं। जिसे आयम्बिल तप के नाम से जाना जाता है। इससे गुजरने वाले लोग प्रतिदिन एक बार खाना खाते हैं। उबला हुआ पानी पीते हैं। उन खाद्य पदार्थों से बचते हैं जिसमें दूध, दही, घी, तेल, शक्कर, गुड़ आदि मिला होता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा
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