धमतरी:बड़ी बहन की जान बचाने वाली बालिका अंशिका साहू को साहिबजादा जोरावर सिंह वीरता पुरस्कार

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धमतरी:बड़ी बहन की जान बचाने वाली बालिका अंशिका साहू को साहिबजादा जोरावर सिंह वीरता पुरस्कार


धमतरी:बड़ी बहन की जान बचाने वाली बालिका अंशिका साहू को साहिबजादा जोरावर सिंह वीरता पुरस्कार


धमतरी , 27 दिसंबर (हि.स.)। जिले के ग्राम संबलपुर निवासी चंपालाल साहू की बेटी अंशिका साहू ने सात वर्ष पहले अपनी सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए करंट की चपेट में आने वाली अपनी बड़ी बहन आकांक्षा साहू की जान बचाई थी। यह घटना 17 जनवरी 2018 की है जब दोनों बहने अपनी सहेलियों के साथ खेल रहे थे। उसी दौरान आकांक्षा ने करंट वाली तार को हाथ से पकड़ लिया था तब अंशिका ने प्लास्टिक चप्पल फेंक कर उसके हाथ से तार को अलग किया था। उस समय अंशिका महज सात साल की थी। उनकी इस वीरता के लिए वीर बाल दिवस के अवसर पर शुक्रवार को रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में अंशिका साहू को साहिबजादा जोरावर सिंह वीरता पुरस्कार से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों सम्मानित किया गया है।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी रायपुर द्वारा वीर बाल दिवस के अवसर वीरता सम्मान समारोह का आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उपस्थित थे। उन्होंने सभी बालक - बालिकाओं के वीरता को सलाम करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस कार्यक्रम में धमतरी जिले के ग्राम संबलपुर की अंशिका साहू को उनकी वीरता के लिए साहिबजादा जोरावर सिंह सम्मान से सम्मानित किया गया। सात साल पहले अंशिका की बड़ी बहन आकांक्षा खेलते समय अचानक बिजली के खुले तार की चपेट में आ गई थी। करंट इतना जोरदार था कि उसने मासूम को पूरी तरह जकड़ लिया था। वहां मौजूद लोग डर और घबराहट के कारण केवल शोर मचाते रहे, लेकिन किसी की हिम्मत आगे बढ़ने की नहीं हुई। ऐसे नाजुक समय में नन्हीं अंशिका ने धैर्यता नहीं खोई। उसने बिजली की फुर्ती दिखाते हुए पास में पड़ी प्लास्टिक की चप्पल को उठाया और पूरी ताकत से अपनी बहन के हाथ पर प्रहार कर उसे तार से अलग कर दिया था। इस तरह उसने अपनी सूझबूझ से बड़ी बहन की जान बचाई। मां झामिन साहू ने कहा कि बेटी अंशिका को सम्मान मिलना गर्व और खुशी की बात है। उसने छोटी उम्र में अपनी बहन की जान बचाकर बड़ा काम किया है।

मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान पाकर अच्छा लग रहा : अंशिका साहू

साहसी बालिका अंशिका ने बताया कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संबलपुर में कक्षा नौवीं की पढ़ाई कर रही है। इनके पिता चंपा लाल साहू और मां झामिन साहू मजदूरी करते हैं। जब सात साल की थी तब बड़ी बहन आकांक्षा ने खेलते समय अर्थिंग तार को हाथ से पकड़ लिया था जिससे करंट में चिपक रही थी। तभी पास में पड़े प्लास्टिक चप्पल फेंककर उसके हाथ से तार को छुड़वाया था। उस समय छोटी थी बस मन में आया और चप्पल उठाकर फेंकी। बड़ी बहन आकांक्षा साहू वर्तमान में पीजी कालेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्र है। साल 2020 में राज्यपाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं 26 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा साहिबजादा जोरावर सिंह सम्मान दिया गया है। मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कार पाकर अच्छा लग रहा है। परिवार में सभी लोग खुश हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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