धर्मांतरित ईसाई समुदाय के युवक की मौत के बाद, गांव में नही दिया गया शव दफनाने

धर्मांतरित ईसाई समुदाय के युवक की मौत के बाद, गांव में नही दिया गया शव दफनाने
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धर्मांतरित ईसाई समुदाय के युवक की मौत के बाद, गांव में नही दिया गया शव दफनाने


जगदलपुर, 27 अप्रैल (हि.स.)। जिले के कोड़ेनार थाना क्षेत्र के छिंदबहार गांव में धर्मांतरित ईसाई समुदाय के एक युवक की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर गांव में विवाद हो गया है। गांव में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए शव को जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज के मर्चुरी में रखा गया है। गांव वालों का कहना है कि जब तक धर्मांतरित मृतक के परिजन मूल धर्म में नहीं लौटेंगे तब तक शव दफनाने गांव में जमीन नहीं दी जाएगी। धर्मांतरित मृतक के शव दफनाने को लेकर यह बस्तर का कोई पहला मामला नहीं है। समय-समय पर इससे पहले भी इस तरह के मामले आते रहते हैं। बस्तर संभाग में धर्मांतरण का मामला अब संवेदनशील हो चुका है। विदित हो कि बस्तर संभाग के ग्राम पचायतों में धर्मांतरितों के परिजनों के मृत्यु पर जब तक धर्मांतरित परिवार के मूल धर्म में वापसी नही करता है तो गांव में अंतिम संस्कार करने के लिए तब तक अनुमति नही देने का प्रस्ताव ग्राम सभा में पारित कर नियम बना दिया गया है।

बस्तर जिले के कोड़ेनार थाना क्षेत्र के छिंदबहार गांव के निवासी युवक ईश्वर की दो दिन पहले अचानक तबियत बिगड़ने से परिजन मेडिकल कॉलेज लेकर गए। जहां इलाज के दौरान उसकी आज शनिवार को मौत हो गई। फिर परिजन शव लेकर गांव जा रहे थे। इसी बीच उन्हें खबर मिली की गांव में शव दफनाने नहीं दिया जाएगा, इसे लेकर गांव में विवाद चल रहा है। जिसके बाद परिजन शव लेकर फिर से मेडिकल कॉलेज आ गए, जहां मर्चुरी में शव रखा गया है। वहीं गांव में विवाद और तनाव की स्थिति देखते हुए पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है, विवाद को शांत करवाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन गांव वालों की सिर्फ एक ही मांग है कि मृतक ईश्वर का परिवार पहले मूलधर्म में लौटे, फिर शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

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