सरकार कुछ नहीं करेगी तो पद्मश्री सम्मान रखकर क्या करूंगा, उसे वापस कर दूंगा : पद्मश्री हेमचंद्र मांझी

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सरकार कुछ नहीं करेगी तो पद्मश्री सम्मान रखकर क्या करूंगा, उसे वापस कर दूंगा : पद्मश्री हेमचंद्र मांझी


नक्सली धमकी के बाद पद्मश्री हेमचंद्र मांझी को गृह विभाग ने वाय कैटेगरी की सुरक्षा के दिए आदेश

नारायणपुर, 27 मई (हि.स.)। नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद्र मांझी पर निको माइंस में दलाली करने का आरोप लगाकर जान से मारने की धमकी दी है। इसके बाद दुखी होकर वैद्यराज हेमचंद्र मांझी ने कहा कि बार-बार पर्चा फेंककर धमकी देकर बेइज्जती करना ठीक नहीं है। लाल पर्चे में धमकी दी गई है कि हमने पैसे खाए हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग एक पैसा भी नहीं खाए हैं, हम कमाकर खाने वाले लोग हैं। अभी भी हमारे यहां 20-22 लोग काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार कुछ नहीं करेगी तो पद्मश्री सम्मान रखकर क्या करूंगा, उसे वापस कर दूंगा। जनसेवा करता हूं, किसी का पैसा नहीं खाते हैं। गरीब लोग आते हैं, तो उन्हें जड़ी-बूटी देते हैं। उसे भी देना छोड़ देंगे, उसी के लिए तो लोग मरते हैं। उन्होंने कहा कि नक्सली जनअदालत लगाकर मुझे मीडिया के साथ बुलाते और आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करते, फिर भले मार देते। उन्होंने कहा कि मेरे छोटे डोंगर के मकान को बनवा दें, सुरक्षा दें, मैं वहीं जाकर रहूंगा। मिली जानकारी के अनुसार नक्सली धमकी के बाद पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद्र मांझी को गृह विभाग ने वाय कैटेगरी की सुरक्षा देने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले नक्सली वैद्यराज हेमचंद्र मांझी के भतीजे कोमल मांझी की भी हत्या कर चुके हैं। पद्मश्री मांझी नक्सलियों के डर के चलते करीब 06 माह से गांव छोड़कर शहर में रह रहे हैं। नक्सलियों से जान के खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने वैद्यराज को नारायणपुर जिला मुख्यालय सुरक्षा के साथ रहने के लिए घर उपलब्ध करवाए हैं।

नारायणपुर जिले के निवासी हेमचंद्र मांझी वैद्यराज के नाम से प्रसिद्ध हैं। वह पारंपरिक तरीके से जंगली जड़ी-बूटियों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करते हैं। मांझी ने अपना पूरा जीवन जड़ी-बूटियों की खोज और उनसे लोगों का इलाज करने में बिताया। लगभग पांच दशकों तक उन्होंने हजारों लोगों को ठीक किया है। मांझी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं। हेमचंद मांझी उस समय से लोगों का इलाज कर रहे हैं, जब उस इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंची थी। उस दौरान अपने ज्ञान और सेवाभाव की बदौलत उन्होंने लोगों का इलाज शुरू किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा था कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उनका निःस्वार्थ सेवा भाव हम सबके लिए प्रेरणादायक और अनुकरणीय है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

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