धमतरी : फसल चक्र परिवर्तन अभियान से बढ़ रहा दलहन–तिलहन का रकबा

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धमतरी : फसल चक्र परिवर्तन अभियान से बढ़ रहा दलहन–तिलहन का रकबा


धमतरी, 24 दिसंबर (हि.स.)। धमतरी जिले में कृषि विविधीकरण को प्रोत्साहित करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से दलहन एवं तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार हेतु व्यापक स्तर पर फसल चक्र परिवर्तन अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत कृषि विभाग द्वारा निरंतर प्रचार-प्रसार और प्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से किसानों को शत-प्रतिशत फसल चक्र परिवर्तन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

कृषि विभाग के मैदानी अमले द्वारा ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर दलहनी, तिलहनी, लघु धान्य एवं मक्का जैसी वैकल्पिक फसलों के उत्पादन के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ उत्पादन लागत में कमी आएगी और खेती अधिक लाभकारी बनेगी।

अभियान के अंतर्गत जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं ग्रामों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां किसानों को ऋण वितरण, बीज वितरण, बीज उत्पादन तथा कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में वर्तमान में सरसों फसल के 16 दशमलव 40 क्विंटल बीज उपलब्ध हैं। योजना के अंतर्गत अब तक 800 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 40 क्विंटल बीज किसानों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त कुसुम एवं मूंगफली फसलों के प्रदर्शन हेतु बीज उपलब्ध कराकर 105 हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी पूर्ण कर ली गई है।

किसानों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए सूरजमुखी फसल के बीज का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया गया है। जिले में अब तक लगभग 4575 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलों की बोनी हो चुकी है, जो फसल चक्र परिवर्तन अभियान की सफलता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

उप संचालक कृषि मोनेश साहू ने बताया कि जिले के किसानों द्वारा सोयाबीन बीज की मांग नहीं किए जाने के कारण इसका भंडारण नहीं किया गया है। इसके स्थान पर किसानों की आवश्यकता के अनुरूप सूरजमुखी एवं अन्य तिलहनी फसलों के बीज की समुचित व्यवस्था की गई है।

कृषि विभाग द्वारा आगामी दिनों में भी फसल चक्र परिवर्तन अभियान को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन, गुणवत्तायुक्त बीज एवं आवश्यक संसाधन निरंतर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे जिले में दलहन एवं तिलहन उत्पादन को नई दिशा मिल सके।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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