अबूझमाड़ को नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना बनने नहीं दिया जायेगा - सुंदरराज पी.
नारायणपुर, 03 अप्रैल(हि.स.)। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा है कि जिले का अबूझमाड़ भौगोलिक विषमता वाले लगभग 3905 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तारित है।जिसे नक्सली अभी तक अपना सबसे सुरक्षित ठिकाना मानते थे। वहां से नक्सलियों के खात्मे के केंद्र और राज्य सरकार के संकल्प का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। अबूझमाड़ से नक्सलियों को खदेडऩे की रणनीति पर अमल करते हुए 30 अप्रेल को डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त फोर्स ने अबूझमाड़ में नक्सलियों के ठिकाने पर हमला कर 10 नक्सलियों को मार गिराया। इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि अबूझमाड़ अब नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना नहीं रह गया है।
उल्लेखनीय है कि नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लाक को अबूझमाड़ कहा जाता है। इसका क्षेत्रफल 3905 वर्ग किलोमीटर है। सघन वन और दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र वाले अबूझमाड़ उत्तर से दक्षिण तक 95 किलोमीटर तथा पूर्व से पश्चिम दिशा में 56 किलोमीटर तक विस्तारित है। इस क्षेत्र को बस्तर संभाग के बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, बीजापुर और दंतेवाड़ा तथा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की सीमा को छूती है। अबूझमाड़ में 237 गांव हैं, जिनमें 201 आबाद और 36 वीरान बताए गए हैं।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि अबूझमाड़ को सभी दिशाओं से घेरने सुरक्षा बल के नवीन कैंप खोले गए हैं। अबूझमाड़ में भी दो कैंप अंदरूनी क्षेत्र में भी खोले जा चुके हैं, आगामी दिनों में इनकी संख्या भी बढ़ाने की योजना है। अबूझमाड़ को नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना नहीं बनने दिया जायेगा। उन्होने कहा कि नक्सली हथियार डालकर मुख्यधारा में आ जाएं अन्यथा मारे जाएंगे। नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे/केशव
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