जगदलपुर : नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के गढ़ में खुले सुरक्षा बलों के 11 कैंप

जगदलपुर : नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के गढ़ में खुले सुरक्षा बलों के 11 कैंप
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जगदलपुर : नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के गढ़ में खुले सुरक्षा बलों के 11 कैंप


नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व छत्तीसगढ़ में यहीं से करता था नक्सलवाद का संचालन

जगदलपुर, 04 फरवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के तेलंगाना-आंधप्रदेश के सीमा का इलाका नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का गढ़ माना जाता है। बस्तर में नक्सलियों के सबसे ताकतवर गढ़ में 40 वर्ष बाद नक्सलतंत्र पर नकेल कसी जा रही है, यहां वर्ष 1980 से नक्सलियों का कब्जा था, जहां नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती थी। नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का संचालन यहीं से करता था।

नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के इसी गढ़ में अब प्रदेश में भाजपा को सत्ता की कमान मिलते ही एक माह के भीतर नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिविजनल में 06 कैंप ग्राम पड़िया, मूलेर, सातालोंग, मुर्कराजबेड़ा व दुलेर के बाद टेकुलगुड़ेम और पश्चिम बस्तर डिविजन कमेटी के गढ़ में 05 कैंप डुमरीपालनार, पालनार, चिंतावागु, मुतवेंडी व कावड़गांव कुल 11 सुरक्षा बलों के कैंप की स्थापना ने नक्सलियों के इस गढ़ को भेदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि एक माह के भीतर 11 सुरक्षा बल के कैंप की स्थापना सुकमा जिले के नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी के ताकतवर गढ़ ग्राम पड़िया, मूलेर, सातालोंग, मुर्कराजबेड़ा व दुलेर के बाद टेकुलगुड़ेम में कैंप खोलकर यहां किस्टाराम भद्राचलम राजमार्ग को खोल दिया है। वहीं बीजापुर में पश्चिम बस्तर डिविजन कमेटी के गढ़ में डुमरीपालनार, पालनार, चिंतावागु, मुतवेंडी व कावड़गांव तक सुरक्षा बल पहुंच गई है।

गौरतलब है कि नक्सलियों के गढ़ में कैंप के खुलने से बौखलाए नक्सली दुलेड़ कैंप में जोरदार हमला किया था, इसके बाद टेकुलगुड़ेम में भी हमला कर दिया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गये थे तथा 15 जवान घायल हुए थे। वहीं इस हमले में नक्सलियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने टेकुलगुड़ेम हमले के बाद कहा है कि नक्सलियों से सख्ती से निपटा जाएगा। अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैंप खोलकर नक्सलवाद के समूल सफाया करने की बात उन्होंने कही है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी कहा है कि नक्सली हथियार छोड़ेंगे तभी वार्ता होगी, वरना नक्सलियों के विरुद्ध कड़ाई से अभियान चलाया जाएगा।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सलियों के प्रभाव वाले इलाकों में कैंप खोले जाने से इन इलाकों में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। नवीन कैंप के स्थापना से लोगों को नक्सल भय से मुक्ति मिलेगी, तथा शासन के समस्त सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

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