हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस नही पकड़ पा रही पूर्व मुखिया गिरेंद्र मंडल को,उठ रहे सवाल
पूर्णियां 19 जून (हि.स.)। वर्ष 2024 के अगस्त माह में अररिया रानीगंज से बनमनखी लौट रहे जदयू पंचायत अध्यक्ष सुशील सिन्हा को अपराधियों ने घर से कुछ दूरी पहले रोककर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मृतक के पुत्र रिंकु कुमार सिन्हा के लिखित आवेदन पर बनमनखी थानाकांड संख्या 216/20 दर्ज हुआ था। मृतक के पुत्र ने पूर्व मुखिया गिरेंद्र मण्डल को मुख्य आरोपी बनाते हुए कुल सत्रह लोगों को नामज़द किया। पूर्णियां सहित आसपास के क्षेत्रों में उन दिनों मामला काफ़ी सुखियों में रहा।
पुलिस अनुसंधान में पूर्व मुखिया की भूमिका की पुष्टि की गई। बनमनखी पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ़्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। शेष आरोपियों के विरूद्ध तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने जाच कर सभी सत्रह आरोपी को दोषी ठहराया और गिरफ़्तारी आदेश जारी किया। उसी बीच पुलिस उप महानिरीक्षक ने पूर्व मुखिया सहित बारह आरोपियों को दोषमुक्त करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजे गये पांच अभियुकों के विरूद्ध चार्जशीट न्यायालय में समर्पित कराया।
न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्य एवं गवाह के आधार पर दिनांक- 22/02/2023 को पूर्व मुखिया गिरेंद्र मण्डल, रिंकु मण्डल, राजा मण्डल, राकेश मण्डल, रौशन मण्डल, जितेश मण्डल, जय कुमार मण्डल, सुभाष मण्डल, चंदन मण्डल, देवन मण्डल, सत्येन्द्र मण्डल, अनजन सिन्हा एवम् अन्य के विरूद्ध न्यायालय ने संज्ञान लिया। नौ आरोपियों ने पटना उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल कर आत्मसमर्पण कर जमानत लिया। उच्च न्यायालय ने मुख्य आरोपी पूर्व मुखिया गिरेंद्र मण्डल, देवन मण्डल एवम् सत्येन्द्र मण्डल का अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज कर दिनांक- 16/10/2023 को तीनों आरोपियों की गिरफ़्तारी सुनिश्चित करने का जिम्मा पुलिस अधीक्षक पूर्णियां को न्यायालय द्वारा जारी पत्रांक 288/09-11-2023 के तहत किया।
आरोपियों की गिरफ़्तारी नहीं होने से दिनांक- 04/05/2024 को न्यायालय ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कुर्की ज़ब्ती का आदेश बनमनखी पुलिस को दिया। न्यायालय आदेश के बाद भी पुलिस कार्यवाही करने में असमर्थता दिखा रही है जिससे क़ानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगना लाज़िमी है। मृतक के पुत्र रिकू सिन्हा कहते हैं को मेरे पिता सुशील सिन्हा को अपराधी गिरेंद्र मण्डल व उसके सहयोगियों ने बर्बर तरीक़े से हत्या कर दी थी । उस खौफनाक मंजर को याद कर आज भी मेरे आखों में पिताजी की यादें घूरती रहती है। घटना को चार वर्ष बीत गये, न्यायालय ने पूर्व मुखिया सहित सभी हत्यारों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी एवम् कुर्की ज़ब्ती का आदेश दिया है, लेकिन पुलिस की गिरेंद्र मण्डल से सांठ-गांठ के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करना चाहती है। अपराधियों द्वारा मुझे बार बार केस नहीं उठाने पर मुझे एवं मेरे परिवार को जान से मारने धमकी दी जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/नंदकिशोर/गोविन्द
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