स्मार्ट सिटी की पोल खुली, करोड़ों का स्मार्ट टॉयलेट बंद

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स्मार्ट सिटी की पोल खुली, करोड़ों का स्मार्ट टॉयलेट बंद


भागलपुर, 9 दिसंबर (हि.स.)। भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनने का सपना कई साल पहले दिखाया गया था। शहर को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के वादे किए गए थे लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट नज़र आ रही है। स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च जरूर कर दिए गए मगर शहर आज भी स्मार्ट नहीं बन पाया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के कई मुख्य स्थानों पर स्मार्ट टॉयलेट बनाए गए थे। जनता को खासकर महिलाओं को सुविधा मिले यही उद्देश्य था लेकिन आज तक एक भी स्मार्ट टॉयलेट शुरू नहीं किया गया। नतीजा ये है कि सभी टॉयलेट बंद पड़े-पड़े अब क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

महिलाओं का कहना है कि बाजार क्षेत्रों में टॉयलेट की सुविधा न होने से उन्हें काफी परेशानी होती है। लोग सवाल उठाते दिख रहे हैं कि जब सुविधाएँ शुरू ही नहीं करनी थीं तो स्मार्ट टॉयलेट बनाए ही क्यों गए। भागलपुर नगर निगम के वार्ड पार्षद संजय सिन्हा ने भी स्मार्ट सिटी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि भागलपुर स्मार्ट सिटी के नाम पर लूट मची हुई है। हम शिकायत सदन में उठाते हैं, लेकिन अधिकारियों पर किसी तरह का असर नहीं होता। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की खराब कार्यशैली और करोड़ों की बर्बादी को लेकर अब आम लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। शहरवासी सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर उनका पैसा कहां जा रहा है और कब भागलपुर वाकई में स्मार्ट बनेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर

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