सत्संग से सम्भव है मानव जीवन का उद्धार -स्वामी शिवानंद
नवादा, 30 अप्रैल(हि .स.)। प्रकृति की गोद में स्थित पूज्यपाद स्वामी नित्यानंद जी महाराज की साधना स्थली महर्षि संतसेवी ध्यानयोग आश्रम धनावां में मंगलवार को रोह प्रखंड संतमत सत्संग का प्रथम वार्षिक द्विदिवसीय अधिवेशन सत्संग विधिवत प्रारंभ हो गया।
मौके पर संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के वरिष्ठ शिष्य पूज्यपाद स्वामी शिवानंद जी महाराज ने सत्संग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सत्संग से मानव जीवन में संस्कार का निर्माण होता है। जिस कारण मानव जीवन का कल्याण सम्भव है। सत्संग से ही दुष्ट से दुष्ट व्यक्ति भी सज्जन हो जाते है ।सत्संग परमात्मा का निज अंग है। सत्संग चरित्र के साथ मोक्षदायिनी हैं। सत्संग से रत्नाकर हत्यारा महात्मा वाल्मीकि हो गये। महात्मा बुद्ध के सत्संग से अंगुलीमाल संत हो गये।
स्वामी विवेकानंद जी महाराज ने कहा कि सत्संग से बुद्धि,यश सद्गति, मुक्ति मिलती है। स्वामी शांतानंद जी महाराज ने कहा कि मोक्ष के पहला द्वारपाल साधु संग ही है। संत सद्गुरु का संग ही सत्संग है प्रथम भगति संतन कर संगा।
इस मौके पर अंग कोकिला सृष्टि सुमन और गोपाल गोपी ओझा के भक्तिमय भजन से वातावरण भक्तिमय हो गया इस मौके पर स्वामी अभिषेकानंद बाबा, स्वामी किसन बाबा, स्वामी प्रभाकर बाबा, स्वामी संतोष बाबा आदि संत महात्माओं ने प्रवचन किया।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय/चंदा
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