शीतलहर का कहर बढ़ा, जिला आपदा प्रबंधन की अपील-सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
गोपालगंज, 19 दिसंबर (हि.स.)।जिले में लगातार बढ़ रही शीतलहर और गिरते तापमान को देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन ने आम लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि शीतलहर के दौरान थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए सभी नागरिक सावधानी बरतें और आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों का पालन करें।
आपदा प्रबंधन ने कहा है कि खाली पेट घर से बाहर न निकलें। सुबह-शाम ठंड का असर अधिक रहता है, ऐसे में बिना कुछ खाए बाहर जाना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है। लोगों को सलाह दी गई है कि बाहर निकलते समय गर्म कपड़े, टोपी, मफलर और दस्ताने का उपयोग अवश्य करें, ताकि शरीर को ठंड से बचाया जा सके। आपदा प्रबंधन ने पौष्टिक आहार और गर्म पेय पदार्थों के सेवन पर भी जोर दिया है। सूप, चाय, दूध, गर्म पानी और ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर को गर्म रखने में सहायक होता है। विशेष रूप से बीपी, डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इन रोगियों के लिए ठंड का प्रभाव अधिक खतरनाक हो सकता है। इसी तरह बच्चों और बुजुर्गों को भी ठंड से बचाने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता बताई गई है।
आपदा प्रबंधन ने लोगों को कमरे के अंदर आग न जलाने की सख्त हिदायत दी है। बंद कमरे में अलाव या अंगीठी जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का खतरा बढ़ जाता है, जो दम घुटने और जान जाने का कारण बन सकती है। ठंड से बचाव के लिए सुरक्षित उपायों को ही अपनाने की अपील की गई है। शीतलहर के दौरान खुले में न रहने और जरूरत न हो तो घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। बेघर और जरूरतमंद लोगों से कहा गया है कि वे रैन बसेरा में शरण लें, जहां ठंड से बचाव की समुचित व्यवस्था की गई है। प्रशासन द्वारा रैन बसेरों में कंबल, गर्म पानी और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। घने कुहासे को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है।
आपदा प्रबंधन ने वाहन चालकों से अपील की है कि कुहासे में वाहन धीमी गति से और सावधानीपूर्वक चलाएं। हेडलाइट और फॉग लाइट का प्रयोग करें तथा यातायात नियमों का पालन करें, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। आपदा प्रबंधन पदाधिकारी राजेश्वरी पांडेय ने कहा है कि शीतलहर के इस दौर में प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, लेकिन आम नागरिकों की सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। थोड़ी सी जागरूकता और सतर्कता से ठंड जनित बीमारियों और दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। प्राधिकरण ने अंत में सभी लोगों से अपील की है कि सावधान रहें, सुरक्षित रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra

