शिक्षकों की स्थानांतरण नीति लाखों शिक्षकों एवं छात्रों के साथ एक धोखा : डॉ नितेश
भागलपुर, 14 अक्टूबर (हि.स.)। कोसी स्नातक विधान परिषद के पूर्व प्रत्याशी डॉक्टर नितेश यादव ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि एन. डी. ए. सरकार द्वारा शिक्षकों की स्थानांतरण नीति की घोषणा लाखों शिक्षकों एवं छात्रों के साथ एक धोखा है।
यह स्थानांतरण नीति शिक्षकों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए लाया गया है। वर्षों से शिक्षकों का स्थानांतरण उनके द्वारा किए गये आग्रह पर किया जाता था। अर्थात शिक्षकों का स्थानांतरण पूर्णरूपेण ऐच्छिक था।
शिक्षकों का कार्य अन्य कर्मचारियों से भिन्न है। शिक्षक रचनात्मक कार्य करने में लगे रहते हैं। छात्रों के भविष्य निर्माण का कार्य शिक्षकों के द्वारा ही किया जाता है। इसलिए उन्हें मानसिक रूप से शांति की नितांत आवश्यकता होती है। यदि शिक्षक मानसिक रूप से परेशान रहेंगे तो वे छात्रों को सही तरीके से शिक्षा नहीं दे पाएंगे। पहले सरकारी स्कूल में पढ़कर ही जिलाधिकारी, डाक्टर, इंनजिनियर जैसे शीर्षस्थ पद पर अपनी सेवा देते थे। बिहार की वर्तमान सरकार सरकारी विद्यालय को बर्बाद कर रहे हैं।
हर पांच वर्ष पर स्थानांतरण करने से शिक्षा की गुणवत्ता में ह्रास होगा। जबतक शिक्षक समाज के स्थानीय माहौल के साथ सामंजस्य स्थापित करेंगे तबतक फिर उसे दूसरे जगह भेज दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारी माला माल होता रहेगा। इस प्रकार शिक्षकों के इस स्थानांतरण नीति से शिक्षा में गिरावट आएगी और सरकारी स्कूल बर्बाद हो जाएगा। वर्तमान सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोची समझी नीति के तहत काम कर रही है। ताकि बच्चे अशिक्षित रहे। शिक्षा को महंगा किया जा रहा है ताकि अक्ल के बैलों को अंधविश्वास के हल से जोता जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर
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