विश्व मानवाधिकार दिवस पर महाविद्यालय में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन, विद्यार्थियों ने बनायी मानव श्रृंखला
पूर्णिया 10 दिसंबर (हि. स.)। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दुनिया राम सिंह के निदेश पर मेरी माटी मेरा देश जागरूकता अभियान एवं आजादी का अमृत महोत्सव इंडिया एट 75 अंतर्गत भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ में विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में जागरूकता हेतु प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ0 पंकज कुमार यादव की देखरेख में किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के सह अधिष्ठाता-सह-प्राचार्य डा॰ पारस नाथ ने किया। प्राचार्य डाॅ. पारस नाथ ने अपने सम्बोधन में सबसे पहले महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि महाविद्यालय मेें छात्र/छात्राओं के व्यक्त्वि विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसम्बर को प्रत्येक वर्ष विश्व मानवाधिकार दिवस के रूप में आयोजित किये जाने की घोषणा की गई थी। वर्ष 1948 से आज तक लगातार पूरा विश्व आज के दिन को विश्व के सभी नागरिकों के अधिकार के लिए एवं मानव अधिकार पर चर्चा हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन सरकारी एवं गैरसरकारी संगठनों द्वारा किया जाता है।
प्राचार्य डाॅ. पारस नाथ ने यह भी बताया कि किसी भी देश में मानव संसाधन उस देश की पूँजी होती है, भारत विश्व का एक युवा राष्ट्र है जिसके मानव अधिकारों की रक्षा करना देश की सरकार की जिम्मेवारी है जिसका अनुपालन सरकार संविधान के अनुरूप करती है। भारत विश्व का दुसरा सबसे बड़ा अवादी वाला देश है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की अवादी का वह हिस्सा जो गरीबी रेखा के नीचे रहता है, उसके जीवन स्तर को उपर उठाना मानव अधिकार कि सबसे बड़ी चुनौती है।
हिंदुस्थान समाचार/नंदकिशोर/चंदा
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