राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन
भागलपुर, 13 जुलाई (हि.स.)। भागलपुर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय हो कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण सेवक पांडे ने भागलपुर से पांच मामले चिन्हित किये हैं, जिसमें पक्षकारों को नोटिस देकर बुलाया गया है। जिसमें पहले दोनों पक्षों को वीडीयो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बात कर सुलह कराने का प्रयास जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्यों द्वारा किया जायेगा। पूरे राज्य में 120 ऐसे मामले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चिन्हित किये गये हैं। जिसमें पांच मामले भागलपुर जिला में निष्पादित किये जा रहे हैं।
भागलपुर के कोर्ट परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का नेतृत्व कर रहे जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि कोई भी व्यक्ति पर मुकदमा होता है, तो उसका विकास प्रभावित होता है। जो समय वह अपने विकास के कार्यों में देता वह समय उसे कोर्ट में गुजारना पड़ता है। कोर्ट का एक केस भी किसी कर्म के दंड से कम नहीं माना जाता है।
उन्होंने कहा कि एक जुलाई से लागू नये कानून के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। जिला जज ने बताया कि दोनों पक्ष के जो पीड़ित है, वो आकर सुलह कर सकते हैं। सुलह होने के बाद वह मुकदमा समाप्त हो जाता है। साथ ही उन्होनें लोगों से अपनी समझदारी का परिचय देते हुए किसी भी मुकदमें को सुलह कर खत्म करने की अपील की।
राष्ट्रीय लोक अदालत में शामिल भागलपुर के जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने बताया कि राज्य में सबसे ज्यादा लंबित मामले बैंक ऋण से जुड़े हैं। जिसके सेटलमेंट में ऋणधारकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डीएम ने बैंक प्रबंधन से भी ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें लोक अदालत में लाने की अपील की। डीएम ने कहा कि किसी का एनपीए होना उसका सिविल खराब करना ठीक नही है। इससे बिहार की भी बदनामी होती है।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर / चंदा कुमारी
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