राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया पुलिस बर्बरता पर संज्ञान

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया पुलिस बर्बरता पर संज्ञान
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया पुलिस बर्बरता पर संज्ञान


मुफ्फसिल थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष की बर्बरता की होगी विधिसम्मत जांच

नवादा, 8 जनवरी(हि. स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नवादा जिले के मुफस्सिल थाने के नेया ग्राम में घटित पुलिस बर्बरता की जांच रिपोर्ट तलब की है ।पुलिस अधीक्षक से जांच प्रतिवेदन की मांग की गई है। नवादा-पुलिस की हर ज्यादती के बाद ढाल बनकर खड़े रहने वाले पुलिस अधीक्षक की मनमानी पर लगाम लगाने की शुरुआत हो चुकी है।पीड़ित व्यक्ति अब राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग की शरण लेने लगे हैं।

मामला सदर प्रखंड के भगवानपुर पंचायत के नेया गाँव से जुड़ा है। मुफ्फसिल थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष दीपक कुमार राव के कार्यकाल में थानाध्यक्ष के ही नेतृत्व में गाँव के कई बुजुर्ग, युवा तथा महिलाओं के साथ घर का दरवाजा तोड़कर मार-पीट का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया गया था। इस घटना को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केस नंबर-281/4/25/2024 के माध्यम से निबंधित करते हुए पुलिस अधीक्षक को मेल के माध्यम से सूचना देते हुए एसडी/-डॉ आर सी श्रीवास्तव, एसबी-5 सलाहकार (कानून) द्वारा भूपेश कुमार एवं अन्य ग्रमीणों के संबंध में जाँच का आदेश दिया है।

आयोग द्वारा भेजे गए मेल में बताया गया है कि 20 दिसम्बर 2023 को ग्रमीणों द्वारा शिकायत किया गया था जो कि 07 फरवरी 2024 को आयोग के समक्ष रखा गया । इसका अवलोकन करने पर, आयोग ने निम्नानुसार निर्देश दिया:- शिकायत उचित समझी जाने वाली कार्रवाई के लिए संबंधित प्राधिकारी को प्रेषित की जाएगी। जिसके आलोक में पुलिस अधीक्षक को जाँच की जिम्मेदारी दी गई है।

क्या है मामला-

मुफ्फसिल थाना के थानाध्यक्ष दीपक कुमार राव व अन्य पुलिस कर्मी 30 नवंबर 2023 को नेया गांव में शाम 5 बजे के करीब आये तथा उसी दिन एक प्राथमिकी दर्ज किया ।जो कि मुफ्फसिल थाना के कांड संख्या-407/23 के माध्यम से कुल 13 लोग पर नामजत शिकायत तथा अन्य 100 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज किया गया था। उसी के नाम पर ग्रामीणों को कई माध्यम से प्रताड़ित किया जा रहा था। बाद में 8 दिसंबर को दुबारा रात्रि में 11 बजे से 2 बजे तक कई ग्रमीणों का घर का दरबाजा तोड़कर मार-पीट किया था।

उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर थाना क्षेत्र के डुमरी गांव की घटना की जांच पुलिस महानिरीक्षक तक ने की है जिसका फलाफल आना शेष है।

गौरतलब है कि नेया के ग्रामीणों पर केस करने बाले जितेन्द्र कुमार सिंह पु० पदाधिकारी फर्जी रिपोर्ट देने और केस करने में माहिर है नेया के एक अन्य मामले जो कि महिला उद्यमी से जुड़ा है ।उसमें भी रिष्वत लेकर गलत रिपोर्ट भेजा था। जिसके कारण वो महिला आज तक बेरोजगार है। नवादा जिला पुलिस की वरवता ने आम नागरिकों को जीना हराम कर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/चंदा

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