यूपीएस एक धोखा, मिले हुबहू ओपीएस: मुकेश मुक्त
भागलपुर, 25 अगस्त (हि.स.)। मोदी सरकार द्वारा लाए गए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को एक बार फिर से मजदूरों – कर्मचारियों को ठगने वाला बताते हुए ऑल इण्डिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (ऐक्टू) ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक धोखा है। केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों को हुबहू पुरानी पेंशन दे सरकार। सर्वोच्च न्यायालय ने जारी अपने एक निर्णयादेश में बताया था कि पेंशन कोई खैरात नहीं, वह मजदूरों का कमाया हुआ वेतन है। पेंशन मजदूरों – कर्मचारियों का हक है।
एनपीएस के नाम पर मिल रहे झुनझुने के खिलाफ बिहार सहित पूरे देश में राज्य एवं केंद्रीय कर्मी काफी आक्रोशित थे जिसके दबाव में केंद्र की मोदी सरकार ने यूपीएस लाकर एक बार फिर से मजदूरों –कर्मचारियों को ठगने की कोशिश की है। यूपीएस की घोषणा से यह सुनिश्चित हो गया है कि मजदूरों – कर्मचारियों के संघर्ष से उत्पन्न आक्रोश को मोदी सरकार किसी भी तरीके ठंडा करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि लगता है लोकसभा चुनाव परिणाम से एनडीए – भाजपा सरकार ने कोई सबक नहीं लिया।
उन्होंने मजदूरों – कर्मचारी से अपील की कि 1 अप्रैल 2025 से पहले इस यूपीएस को ओपीएस में बदलने के लिए हर स्तर पर संघर्ष तेज करें। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट), स्टेट फोरम अगेंस्ट एनपीएस एवं एनएमओपीएस ने आगामी सितंबर माह के प्रथम सप्ताह, 2 से 8 सितम्बर तक काला सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है। केंद्र व राज्य सरकार से ऐक्टू मांग करता है कि यूपीएस नहीं बल्कि पूरी तरह ओपीएस (पुरानी पेंशन) देने की घोषणा करे। साथ ही नियमित कर्मियों की तरह ही संविदा कर्मियों को भी ओपीएस (पुरानी पेंशन) मिले। हुबहू ओपीएस मिलने तक मजदूरों – कर्मचारियों का संघर्ष जारी रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर / चंदा कुमारी
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