मजदूर बाप ने बेटे को बनाया वैज्ञानिक, पुत्री की लाश से परिवार गमगीन रश्मि अपना ओज विखेरने से पहले ही भगवान की प्यारी हो गई

मजदूर बाप ने बेटे को बनाया वैज्ञानिक, पुत्री की लाश से परिवार गमगीन रश्मि अपना ओज विखेरने से पहले ही भगवान की प्यारी हो गई
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मजदूर बाप ने बेटे को बनाया वैज्ञानिक, पुत्री की लाश से परिवार गमगीन रश्मि अपना ओज विखेरने से पहले ही भगवान की प्यारी हो गई


मजदूर बाप ने बेटे को बनाया वैज्ञानिक, पुत्री की लाश से परिवार गमगीन रश्मि अपना ओज विखेरने से पहले ही भगवान की प्यारी हो गई


पूर्णिया, 13 दिसम्बर (हि.स.) । बिहार में पूर्णिया जिले के एक मजदूर परिवार के सुधीर कुमार साह का ने अपने पुत्र आशीष कुमार को वैज्ञानिक बनकर अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया। आशीष पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक के रूप में चयनित हुए। वहां शोध कार्य कर रहे हैं।

दूसरी ओर इसी घर की मेधावी छात्रा रश्मि की लाश बीते दस दिसम्बर की सुबह पूर्णिया के सुखनगर स्थित लॉज में पायी गई थी। इस घटना ने ना सिर्फ एक बेटी को खो दिया, बल्कि शिक्षा की एक जलती लौ को ही खो दिया। जो भविष्य में एक ऐसी किरण बिखेरती, जिससे पूरा क्षेत्र जगमगा उठता।

रश्मि की मौत ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है। गांव की शिक्षिका निक्की कुमारी, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सह पार्षद सुनीता देवी कहती हैं कि रश्मि वास्तव में सूर्य की किरण के समान थी। जो लड़कियों के लिए एक प्रेरणा थी। वह गांव की इतनी प्यारी थी कि उसका जब शव गांव पहुंचा, तब उसके शव को देखते ही लडकियों एवं महिलाओं में चींख-पुकार मच गई थी। कुल मिलाकर रश्मि की मौत किस प्रकार हुई यह जांच का विषय है। परंतु उसके जाने से निश्चित ही समाज को भारी क्षति हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार/नंदकिशोर/गोविन्द

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