बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने दिया इस्तीफा
राजद के साथ कांग्रेस का गठबंधन आत्मघाती: अनिल शर्मा
पटना, 31 मार्च (हि.स.)। बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। बिहार में सीट शेयरिंग के बाद से ही वे पार्टी से नाराज चल रहे थे। सीट बंटवारे में कांग्रेस को अधिकतर परंपरागत सीटें ही मिली हैं। औरंगाबाद और पूर्णिया की सीट ना मिलने से कांग्रेस कार्यकर्ता खासे नाराज चल रहे हैं।
अनिल शर्मा ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा कि पप्पू यादव को कांग्रेस में शामिल करना मेरे इस्तीफा देने की सबसे बड़ी वजह है। साथ ही उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस का गठबंधन सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं 1998 से इस गठबंधन का विरोधी रहा हूं। उसी समय से कांग्रेस वोटकटवा पार्टी के रूप में जानी जाने लगी।
अनिल शर्मा ने कहा कि राजद के साथ गठबन्धन कांग्रेस के लिए घातक है। राजद पर हमला करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राबड़ी देवी की सरकार में नरसंहार हुआ। बिहार में जंगल राज को पनपने देने में कांग्रेस से बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि सोनिया और राहुल के नेतृत्व में पार्टी सबसे कमजोर हुई। अध्यादेश फाड़ने वाले राहुल गांधी आज लालू के साथ गलबहियां लगा रहे हैं , मटन-भात खा रहें हैं।
दिल्ली में हो रही महागठबंधन की रैली को लेकर अनिल शर्मा ने कहा कि आज दिल्ली में संविधान बचाओ रैली है लेकिन सोनिया गांधी के टेकओवर करने के बाद आंतरिक संविधान खत्म हो गया है। खड़गे बेचारे अध्यक्ष हैं लेकिन उनकी नहीं चलती। वो रिमोट से कंट्रोल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रामलला का आमंत्रण ठुकराना सोनिया गांधी का कदम सांप्रदायिक है। कांग्रेस के कथनी करनी में फर्क है। पप्पू यादव को महिमा मंडित किया गया। इसके पहले राहुल गांधी ने यूथ कांग्रेस में नियम बनाया था कि जिसके ऊपर कोई भी आपराधिक मामला होगा उसे पार्टी में जगह नही दी जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंदा/चंद्र प्रकाश
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