बाबा साहब के विचारों को गांव गांव तक पहुंचाने की है जरूरत: चक्रपाणि
भागलपुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती को लेकर रविवार को भागलपुर के अकबरनगर स्थित हरिनगर गांव में समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान बाबा साहब के प्रतिमा पर फूल माला और पुष्प अर्पित कर मिठाई बांटा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुपलाल दास ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बिहार बाल श्रमिक आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ चक्रपाणी हिमांशु ने बाबा साहब के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की विचारधारा मानववादी रही है। उनका उद्देश्य शोषित, पीड़ित, दलित एवं वंचित समाज का विकास करना एवं उन्हें उनके मानव अधिकारों से सजग कराना एवं मानवीय अधिकार दिलाना था। बाबा साहब ने जिस संविधान का निर्माण किया वह संपूर्ण देश से अलौकिक संविधान है। बाबा साहब ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा था कि मैं राजनीतिक सुख भोगने नही बल्कि नीचे दबे हुए अपने भाईयो को अधिकार दिलाने आया हूं। आज जरूरत है युवाओ,श और छात्रों को आगे आने कि और बाबा साहब के मानववादी विचाराधारा को गांव गांव पहुंचाने की।
डॉ हिमांशु ने कहा कि बाबा साहब का एक नारा है शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। आज छात्र नौजवानों को बाबा साहब के विचारों को पढ़ने की जरूरत है। उनके विचारों को स्मरण करने की जरूरत है। उनके विचारों को गांव गांव तक पहुंचाने की जरूरत है। मौके पर प्रीतम यादव, नवलकिशोर दास, लाल बिहारी दास, योगेन्द्र दास, जनार्दन दास, रंजीत दास, अरूण दास, अनिल दास, रामप्रसाद दास, सुबोध दास, हर्षवर्धन, ब्रजेश कुमार आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा
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