बस स्टैंड में मूलभूत सुविधाओं के अभाव से यात्री परेशान
भागलपुर, 16 दिसंबर (हि.स.)। स्मार्ट सिटी के नाम से जाना जाने वाला भागलपुर शहर में आज तक एक अदद स्मार्ट बस स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका है। हालात ऐसे हैं कि तिलकामांझी स्थित सरकारी बस अड्डा बदहाली की तस्वीर पेश कर रहा है। यहां न तो यात्रियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है, न ही स्वच्छ शौचालय और न ही बैठने जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। बस अड्डे का पूरा परिसर गंदगी और कूड़े-कचड़े से अटा पड़ा है। खुले आसमान के नीचे यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता है।
सरकार द्वारा हाल के वर्षों में दी गईं नई बसें और पिंक बसें भी इसी गंदे परिसर में खड़ी रहती हैं। जहां उनका समुचित रखरखाव संभव नहीं हो पा रहा है। यात्रियों को कचड़े के बीच ही बसों में चढ़ना और उतरना पड़ता है, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। वर्षों पहले यात्रियों की सुविधा के लिए लगाई गई एलईडी सूचना स्क्रीन भी लंबे समय से बंद पड़ी है। बसों की समय-सारिणी और मार्गों की जानकारी यात्रियों को नहीं मिल पा रही है। वहीं, बस अड्डे का कार्यालय आज भी अंग्रेजों के जमाने के जर्जर भवन में संचालित हो रहा है, जो कभी भी हादसे को न्योता दे सकता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इसी बस अड्डे से हर महीने लाखों रुपये का राजस्व सरकार को मिलता है और प्रतिदिन हजारों यात्री यहां से अपने गंतव्य के लिए सफर करते हैं। इसके बावजूद बस अड्डे की दुर्दशा प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करती है। इधर, भागलपुर के गोराडीह में नए बस स्टैंड के लिए प्रस्ताव भेजे जाने की बात कही जा रही है, लेकिन फिलहाल तिलकामांझी स्थित सरकारी बस अड्डा पूरी तरह भगवान भरोसे चल रहा है।
बस चालकों और यात्रियों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुनः सत्ता में आने के बाद उन्हें उम्मीद है कि भागलपुर को एक आधुनिक और सुविधायुक्त स्मार्ट बस स्टैंड मिलेगा। बस उपचालक शिवशंकर ने कहा कि यहां सुविधाओं के अभाव में यात्रियों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी भारी परेशानी होती है। यात्री तपेश कुमार ने बताया कि गंदगी और अव्यवस्था के कारण बस अड्डे पर रुकना मुश्किल हो जाता है। वहीं ई-रिक्शा चालक राजू कुमार सिंह ने कहा कि बदहाल व्यवस्था से शहर की छवि खराब हो रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर

