प्रभु श्रीराम की बाल लीला का कथा सुन भाव विभोर हुए नर-नारी

प्रभु श्रीराम की बाल लीला का कथा सुन भाव विभोर हुए नर-नारी
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प्रभु श्रीराम की बाल लीला का कथा सुन भाव विभोर हुए नर-नारी


नवादा, 09 मई (हि.स.)। भगवान श्री राम के जन्म के बाद पूरे अयोध्या में शहनाई की आवाज गूंज रही थी। श्रीराम की बाल लीला संसार की सकारात्मक एवं सुखद आनंदमई लीला है। भगवान की बाल लीला में ही उनके साम्यवादी चिन्तन तथा उनका क्रियात्मक रूप स्पष्ट होता है। उक्त बातें गुरुवार को नरहट प्रखण्ड के गंगारामपुर गांव में आयोजित श्रीसीताराम महायज्ञ में भगवान श्रीराम की बाल लीला का प्रसंग सुनाते हुए पूज्य राजन जी महाराज ने कही।

उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा श्रवण कर उनका अनुकरण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हमें भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए गए आदर्शो पर चलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने भगवान राम की सुंदर बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि बचपन से ही लक्ष्मण जी और राम जी के चरणों में प्रीति थी। वैसे चारों पुत्र सील रूप और गुण के धाम हैं। लेकिन सुख के समुद्र श्रीराम जी सबसे अधिक हैं।उनके रूप का वर्णन वेद और शेष जी भी नही कर सकते। प्रभु श्रीराम जी ने विविध प्रकार की बाल क्रीडा की और समस्त नगर वासियोंन को सुख दिया। पूज्य राजनजी के श्रीमुख से भगवान श्रीराम की संगीतमई कथा सुन श्रोता भाव विभोर हो रहे हैं।

वर्षा के चलते मंगलवार की कथा विराम पर पूज्य राजन जी महाराज ने कहा कि इन्द्रदेवता और पवन देवता ने दोनों मिलकर तांडव कर दिए। तेरह वर्षों में दूसरी बार इस तरह की घटना है। यहां तो पंडाल कुछ ठीक रहा लेकिन वहां तो सब उजड़ गया था। वरगद के पेड़ के पास तीन दिनों तक कथा गाए थे। आप सबों के निष्ठा श्रधा को बारंबार प्रणाम है। आप लोग ने अथक प्रयास मेहनत कर इस पंडाल को कथा लाईक बना दिया। भगवान की हर रज्जा में हमको राजी रहना है। रघुनाथ जी की कृपा रही कि फिर हमलोग कथा के लिए बैठे हैं। आप सोचिए कि अगर कथा शुरू होने के एक डेढ़ घण्टा बाद अगर इस तरह तेज हवा और वर्षा होती तो कितनी परेशानी होती। लाइट बत्ती सब गुल हो जाता। भगवान की कृपा है कि आज बाल लीला की कथा हो रही है। आपको बता दें कि श्रीसीताराम महायज्ञ देखने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ रही है। आंधी पानी में से एक दिन कथा बाधित हो गई। फिर दूसरे दिन कथा शुरू किया गया लेकिन रासलीला का पंडाल पूरी तरह ध्वस्त होने के कारण लीला को बंद करना पड़ा। कथा 10 मई तक होगी लेकिन बेमौसम बरसात का डर सता रहा है। यज्ञ समिति से जुड़े अशोक सिंह, पिंटू सिंह, चंदन सिंह, राकेश सिंह समेत समस्त ग्रामीण यज्ञ को सफल बनाने में तनमन से जुटे हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/गोविन्द

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