परमात्मा की भक्ति के बिना जीव का कल्याण नहीं: स्वामी निर्मलानंद
एक माह तक चलनेवाले मांस ध्यान साधना संपन्न
नवादा ,30 अक्टूबर(हि. स.)। प्रकृति की गोद में अवस्थित पूज्यपाद स्वामी नित्यानंद जी महाराज की साधना स्थली महर्षि संतसेवी ध्यानयोग आश्रम धनावां में आश्रम संचालक स्वामी शांतानंद जी महाराज के सानिध्य में 1 से 30 अक्टूबर तक चल रहे मास ध्यान साधना शिविर का समापन दिन सोमवार को गुरु कीर्तन आरती के साथ संपन्न हो गया।
शिविर समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सिद्धपीठ महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर से पधारे महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के विरक्त शिष्य संतमत के वरिष्ठ महात्मा पूज्यपाद स्वामी निर्मलानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य का शरीर देव दुर्लभ है, परमात्मा की भक्ति करने के अधिकारी मात्र मानव ही है। संत सद्गुरु से सद्युक्ति प्राप्त कर ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए।
आश्रम संचालक स्वामी शांतानंद जी महाराज ने कहा कि साधना के लिए साधक को एकांत स्थान में ईश्वर का चिंतन करना चाहिए।साधक को परमात्मा की भक्ति के लिए सबसे पहले सत्संग के द्वारा ज्ञान प्राप्त कर गुरु की सेवा करनी चाहिए। भगवान श्री राम कृष्ण आदि अवतारी महापुरुषों ने भी गुरु की सेवा की। प्रथम भक्ति संतों का संग ही है। संतों की संगति से हमारे जीवन में संस्कार मिलता है,मानव में मानवता के बिना जीवन व्यर्थ है, मानवता के लिए संत महापुरुषों की संगति कर हमें ज्ञान की प्राप्ति करनी चाहिए।
ज्ञान के विना ध्यान नहीं, ध्यान के लिए ज्ञान नहीं,जो ध्यान और ज्ञान दोनों रखते हैं वे ही मुक्ति के अधिकारी हैं।साधना शिविर में नवादा के अतिरिक्त वेगुसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, मधेपुरा,गया, देवघर,बांका, अररिया,आदि से दर्जनों साधकों ने भाग लिया। स्वामी मतंग बाबा, स्वामी महेंद्र बाबा, स्वामी शंभु बाबा,पूर्व मेज़र आर पी पंडित, वैद्यनाथ यादव, जगदीश ,वनारसी दास, आनंद,रुपेश, स्वामी अखिलेश दीलिप रजक, नगेन्द्र प्र सिंह, गुरु देव, अवतार, आशुतोष, आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/चंदा
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।