नवादा में जदयू के लवकुश समीकरण ध्वस्त, कांटे भरें है विवेक की डगर

नवादा में जदयू के लवकुश समीकरण ध्वस्त, कांटे भरें है विवेक की डगर
WhatsApp Channel Join Now
नवादा में जदयू के लवकुश समीकरण ध्वस्त, कांटे भरें है विवेक की डगर


नवादा, 10 अप्रैल(हि. स.)। नवादा में 19 अप्रैल मतदान की तारीख के नजदीक आती जा रही है। वहीं एनडीए का लव- कुश समीकरण पूर्णतया ध्वस्त दिख रहा है ।एनडीए ने भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को अपना प्रत्याशी रालोजपा सांसद चन्दन सिंह का टिकट काटकर बनाया है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने कुशवाहा जाति के श्रवण कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है ।उनके साथ चर्चित दो कुर्मी जाति के रहनुमा बने अशोक महतो तथा पूर्व विधायक प्रदीप महतो खड़े हैं।जिस कारण नवादा में लव- कुश समीकरण ध्वस्त हो चुका है ।अगर इसे संभालने का प्रयास नहीं किया गया तो निश्चित तौर पर एनडीए को मुंह की खानी पड़ेगी ।

हिसुआ ,नवादा, रजौली, गोविंदपुर ,वारसलीगंज तथा शेखपुरा के बरबीघा विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बने नवादा लोकसभा क्षेत्र में आठ प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं ।जिसमें एनडीए तथा महागठबंधन के प्रत्याशी के अलावे पूर्व मंत्री राजद नेता राजबल्लभ प्रसाद के भाई तथा नवादा के राजद विधायक विभा देवी के देवर विनोद यादव बागी प्रत्याशी के रूप में मैदान में कमर कर चुके । जिनके साथ राजद विधायक विभा देवी ,रजौली के राजद विधायक प्रकाशवीर का भी खुला समर्थन मिल रहा है।

एनडीए प्रत्याशी विवेक ठाकुर को भरोसा है कि राजद के बागी निर्दलीय विनोद यादव तथा मुसलमान का वोट काटेंगे ।जिससे मेरी जीत होगी ।लेकिन अगर विनोद यादव का या भरोसा टूटा ,तो एनडीए प्रत्याशी विवेक ठाकुर को मुंह की भी खानी पड़ सकती है। अन्य छोटी-छोटी जातियों पर भरोसा भी करना मुश्किल है कि वे बाहरी भीतरी के इस हवा में क्या निर्णय ले पाते हैं। एनडीए प्रत्याशी विवेक ठाकुर नवादा के बाहर के रहने वाले हैं ।इस कारण उन्हें नवादा का इतिहास भूगोल की जानकारी नहीं है। उनके साथ रहने वाले भी कुछ लोग उन्हें सही दिशा में नहीं ले चलना चाहते है। यहां भी सही खांका उनके सामने पेश नही किया जा रहा है। वहीं भाजपा के पूर्व विधायक तथा कई कदावर नेता घर का नेता घर का बेटा का नारा देकर पूर्व में भी काफी हंगामा कर चुके हैं। उन लोगो ने ही भीतर से श देकर भोजपुरी गायक गुंजन सिंह को प्रत्याशी बनक़्या है। अपने समर्थकों को गुंजन के साथ भी कर चुके हैं। कई भाजपा नेता ही भितरघात कर एनडीए को ही भीतर से हराने में जुटे हैं ।

इन लोगों ने ही भोजपुरी गायक कुंदन गुंजन सिंह को निर्दलीय प्राप्त प्रत्याशी बनाया है। भाजपा के पूर्व विधायक ने अपने सारे समर्थकों को गुंजन सिंह के पीछे लगा दिया, ताकि एनडीए प्रत्याशी विवेक ठाकुर की कारारा शिकस्त हो और आने वाले दिनों में उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिल सके ।एनडीए ने वर्तमान सांसद चंदन सिंह का टिकट काट दिया है। उनके दल को एक भी टिकट नसीब नहीं हुई। जबकि चंदन सिंह अपनी ईमानदारी ,व्यवहार कुशलता ,कर्मठता, विनम्रता तथा क्षेत्र में बेहतर काम के कारण काफी लोकप्रिय बन चुके थे ।उनका विरोध कुछ चंद ठीका नहीं मिलने वाले भाजपा के छोटे भैया नेता ही कर रहे थे ।जिन्हें ठेकेदारी नसीब नहीं हुई थी। सच्चाई है कि चंदन सिंह की उम्मीदवारी के लिए नवादा लोकसभा के जनतांत्रिक गठबंधन के कार्यकर्ता काफी उत्साहित थे। उनके टिकट नहीं मिलने से कार्यकर्ताओं में घोर निराशा है। यह निराशा का भाव भी विवेक ठाकुर को काफी महंगा पड़ सकता है । अगर चंदन सिंह विवेक ठाकुर के लिए प्रचार करेंगे, तब स्थिति कुछ ठीक हो सकती है ।

अब देखना है कि निर्दलीय प्रत्याशी विनोद यादव मुसलमान तथा यादवों का वोट काटकर विवेक ठाकुर को कितना मदद कर पाते हैं। ऐसे जो स्थिति बन रही है वह इस चुनाव के महासमर में गड्डमगड्ड की स्थिति बनी हुई । बिछड़े समाज के लोग यही मान रहे हैं कि अभी ही सबसे बेहतर मौका है कि अगड़े से लोकसभा का सीट छीन लिया जाए । जिस कारण पार्टी नहीं बल्कि जाती पर चुनावी समर होने के आसार प्रबल दिख रहे हैं ।

नवादा लोकसभा चुनाव में 20 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 8 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे ।कहने को तो 8 प्रत्याशी मैदान में खड़े हैं ।लेकिन प्रमुख तौर पर एनडीए के विवेक ठाकुर ,महागठबंधन के श्रवण कुशवाहा, राजद के बागी नेता निर्दलीय प्रत्याशी बिनोद यादव तथा निर्दलीय प्रत्याशी भोजपुरी गायक गुंजन सिंह के ही नाम सामने आ रहे हैं ।हालांकि गुंजन सिंह को उनके स्वजातीय ही वोट कटवा बताकर किनारा करने में जुटे हैं।अब देखना है कि विनोद यादव क्या करिश्मा दिखा पाते हैं। अगर इस चुनाव में विनोद यादव की करिश्मा फेल हुई ,तो निश्चित तौर पर नवादा में एनडीए की किस्ती डूब सकती है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नवादा दौरे के बाद कुछ स्थिति ठीक हुई है ।बावजूद भी जीत के करीब की स्थितियां संतोषजनक नहीं लग रही है।

नीतीश कुमार तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा होना बाकी है। अब देखना है कि दौरे के बाद एनडीए प्रत्याशी विवेक ठाकुर की क्या स्थिति बनती है ।विवेक ठाकुर केवल बड़े नेताओं के आम सभाओं पर ही भरोसा कर रहे हैं ।जमीनी तौर पर उनकी टीम काफी कमजोर है। उन्हें अनुभव का भी घोर अभाव है तथा विश्वसनीय लोगों की भी बहुत कमी है ।विनोद यादव 3 वर्षों से लोकसभा क्षेत्र में पानी उम्मीदवारी घोषित कर काम कर रहे थे ।श्रवण कुशवाहा भी दो-दो चुनाव भी लड़ चुके हैं। इसलिए उन्हें भी चुनाव का बेहतर कौशल है। अगर नवादा लोकसभा क्षेत्र में संघर्ष की स्थिति त्रिकोणात्मक बनती है ,तब विवेक ठाकुर की जीत की संभावना प्रबल है। अगर सीधी टक्कर होती है तो निश्चित तौर बेड़ा गर्क माना जा रहा है। अब देखना है की 19 अप्रैल को मतदाताओं का रुख क्या होता है तथा जीत के ताज किसके सर बांधे जाते हैं। यह तो समय ही बताएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/चंदा

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story