गणतंत्र से गांधी कार्यक्रम के तहत संवाद का आयोजन

गणतंत्र से गांधी कार्यक्रम के तहत संवाद का आयोजन
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गणतंत्र से गांधी कार्यक्रम के तहत संवाद का आयोजन


भागलपुर, 28 जनवरी (हि.स.)। पीस सेंटर परिधि द्वारा गणतंत्र से गांधी कार्यक्रम के तहत रविवार को कासिमपुर में संवाद का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए उदय ने कहा कि इस वर्ष हम अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। गणतंत्र का ही परिणाम है कि आज हमारे देश का शासन किसी राजा या बादशाह के हाथ में नहीं है। जनता के वोट से सरकारें बनती है जो गाय भैंस चराने वाले, दाढ़ी बाल बनाने वाले और चूहा पकड़ने वाले के बेटे को मुख्यमंत्री बना रही है तो चाय बेचने वाला भी प्रधानमंत्री बन जा पा रहे है। हमारे संविधान में सभी जनता के हितों का ख्याल रखा गया। इसलिए हमारे संविधान का स्थान वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, गीता, कुरान, बाइबिल जैसे धार्मिक ग्रंथों से अधिक महत्वपूर्ण है।

हमारे देश, संप्रदाय, समुदाय, समाज, परिवार में जो कुरीतिया थी जिसके बारे में महात्मा बुद्ध, गुरुनानक, कबीर, रैदास आदि संतों ने धार्मिक आंदोलन चलाए थे। उनके विचारों को संविधान में स्थान दिया गया। संविधान ने न सिर्फ नागरिकों में समता का संदेश दिया है बल्कि सभी ईश्वर को भी बराबरी में लाकर खड़ा कर दिया है। भारतीय गणतंत्र की सफलता और महात्मा गांधी के संघर्ष का अद्वितीय रिश्ता है, जिसने भारत को एक महान राष्ट्र के रूप में उभारा है। महात्मा गांधी ने अपने आदर्शों, विचारों और संघर्षों के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया और उसका नेतृत्व करते हुए महिलाओं, दलितों, पिछड़ों आदिवासियों सबको जोड़ा। उनके अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों ने स्वतंत्रता के लिए एक नया मार्ग दिखाया और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा दिया लेकिन जिन लोगों को गांधी का लोकतंत्र, समता-समदर्शिता और न्यायप्रियता पसंद नहीं था उन्होंने गांधी की हत्या की।

पीस सेंटर परिधि के संयोजक राहुल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि गांधी का रामराज्य भारत का गणराज्य ही है, गांव को खुद का निर्णय लेने का अधिकार हो, सभी अपनी मान्यताओं और संस्कृति अनुसार अपनी इश्क की आराधना करें और यह सब करते हुए किसी भी व्यक्ति या समूह समुदाय के सम्मान, गरिमा पर ठेस नहीं पहुँचे। सबकी बराबरी, सम्मान और भाईचारे के लिए गांधी जी ने अपनी शहादत दी। इस अवसर पर विनय कुमार भारती, जय नारायण, अरविंद कुमार सिंह, पूजा कुमारी, मंजीत कुमार, चंदन कुमार आदि ने भी अपनी बातें रखी।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

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